शहीद कैप्टन सुधीर यादव का अंतिम संस्कार, परिवार और गांव में गूंज उठी चीखें
पोरबंदर में हेलिकॉप्टर क्रैश में शहीद हुए कैप्टन सुधीर यादव का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया। उनके अंतिम संस्कार का विधिपूर्वक आयोजन बिठूर स्थित गंगा किनारे किया गया। इस दौरान परिवार और गांव के लोग गहरे शोक में डूबे हुए थे। शहीद के चचेरे भाई ने मुखाग्नि दी और सबकी आंखों में आंसू थे।
पोरबंदर में हेलिकॉप्टर क्रैश में शहीद हुए कैप्टन सुधीर यादव का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया। उनके अंतिम संस्कार का विधिपूर्वक आयोजन बिठूर स्थित गंगा किनारे किया गया। इस दौरान परिवार और गांव के लोग गहरे शोक में डूबे हुए थे। शहीद के चचेरे भाई ने मुखाग्नि दी और सबकी आंखों में आंसू थे।
कानपुर देहात के मैथा स्थित हरकिशनपुर में जब शहीद कैप्टन सुधीर यादव का पार्थिव शरीर उनके पैतृक घर पहुंचा, तो माहौल गमगीन हो गया। वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखों में आंसू थे और दुख का माहौल था। जैसे ही पार्थिव शरीर घर के दरवाजे से उठाया गया, वहां गूंज उठे "सुधीर यादव अमर रहें" के नारों ने सबको गहरे दुख और सम्मान से भर दिया।
सुधीर यादव के परिवार के लोग इस भारी गम में डूबे हुए थे। उनकी पत्नी ने दुख के साथ कहा, "सुधीर, तुमने ये क्या कर दिया? हम तुम्हारे बिना कैसे रह पाएंगे। जहां भी रहो, खुश रहना।" उनकी मां ने चीखते हुए कहा, "लल्ला, तुम्हें देखकर मैं खुश होती थी, अब कैसे खुश रह पाऊंगी? तुमने हमें हमेशा के लिए रुला दिया। लल्ला, लौट आओ। भगवान, तूने क्या कर दिया?"
शहीद सुधीर यादव की वीरता और देशभक्ति को हमेशा याद किया जाएगा। उनका बलिदान देशवासियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा। उनके परिवार और गांव में शोक की लहर है, लेकिन साथ ही गर्व भी महसूस किया जा रहा है कि उनका बेटा, पति और भाई देश की सेवा में शहीद हुआ।
हम सब सुधीर यादव के परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट करते हैं और उनके आत्मबलिदान को सलाम करते हैं।
What's Your Reaction?