कोनेरू हम्पी ने जीता दूसरा विश्व रैपिड शतरंज खिताब, प्रधानमंत्री मोदी ने दी बधाई
भारत की प्रमुख शतरंज खिलाड़ी कोनेरू हम्पी ने रविवार को विश्व रैपिड शतरंज चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए अपना दूसरा स्वर्ण पदक जीता।
भारत की प्रमुख शतरंज खिलाड़ी कोनेरू हम्पी ने रविवार को विश्व रैपिड शतरंज चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए अपना दूसरा स्वर्ण पदक जीता। हम्पी ने 8.5/11 के स्कोर के साथ टूर्नामेंट समाप्त किया और 2019 में मॉस्को में जीते अपने पहले खिताब के बाद अब यह दूसरा विश्व रैपिड खिताब उनके नाम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनकी इस शानदार जीत पर उन्हें बधाई दी और इसे ऐतिहासिक बताया।
कोनेरू हम्पी का शानदार प्रदर्शन
कोनेरू हम्पी ने टूर्नामेंट में अपने प्रभावशाली खेल से सभी को चौंका दिया। उन्होंने कुल 11 राउंड में से 8.5 अंक प्राप्त किए, जो इस टूर्नामेंट में विजेता बनने के लिए पर्याप्त थे। उनका शानदार खेल शतरंज के क्षेत्र में उनकी निरंतर सफलता को दर्शाता है।
2019 में पहला रैपिड खिताब जीतने के बाद दूसरी जीत
2019 में मॉस्को में आयोजित विश्व रैपिड चैंपियनशिप में कोनेरू हम्पी ने अपना पहला स्वर्ण पदक जीता था। अब, 2024 में, उन्होंने फिर से इस खिताब को अपने नाम किया है, जो उनके अनुभव और कौशल का प्रतीक है। इस जीत ने उन्हें विश्व शतरंज परिदृश्य में और भी मजबूत स्थिति में ला खड़ा किया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोनेरू हम्पी की इस शानदार जीत पर उन्हें ट्विटर के माध्यम से बधाई दी। प्रधानमंत्री ने उनकी जीत को "ऐतिहासिक" बताते हुए कहा, "कोनेरू हम्पी की जीत शतरंज की दुनिया में भारत के योगदान को और बढ़ावा देती है। उनका यह प्रदर्शन युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।"
भारत की शतरंज में लगातार उन्नति
कोनेरू हम्पी की इस जीत ने भारत के शतरंज क्षेत्र को और भी गौरवान्वित किया है। पिछले कुछ सालों में भारत ने कई अंतरराष्ट्रीय शतरंज प्रतियोगिताओं में महत्वपूर्ण जीतें हासिल की हैं। शतरंज के क्षेत्र में भारत की प्रगति विशेष रूप से महिलाओं की सफलता के कारण लगातार बढ़ रही है। कोनेरू हम्पी की इस जीत ने भारत को एक और मुकाम हासिल कराया है, जो भारतीय शतरंज के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
कोनेरू हम्पी का भविष्य
कोनेरू हम्पी का यह शतरंज यात्रा अभी खत्म नहीं हुई है। उनके पास आगे और भी प्रतियोगिताओं में जीत हासिल करने का मौका है। उनके अनुशासन, अनुभव और समर्पण ने उन्हें शतरंज की दुनिया में एक सशक्त स्थान दिलाया है, और उनकी सफलता भारतीय शतरंज खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा बनी रहेगी।
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