सिर्फ 1 साल की नौकरी, और मिलेगी ग्रेच्युटी! जानिए कैसे नया श्रम कानून कर्मचारियों के लिए बड़ा वरदान...
सरकार ने नया श्रम कानून लागू कर दिया है। और इसमें कई बड़े सुधार भी किए गए हैं। नए रुल के मुताबिक, अब फिक्स्ड टर्म कर्मचारी यानी वो कर्मचारी जो किसी भी जगह स्थायी रूप से काम करता है और उसे बिना कारण अचानक निकाला नहीं जा सकता, ऐसे लोग पांच साल के बाद नहीं, बल्कि सिर्फ सालभर की नौकरी करने के बाद भी ग्रेच्युटी का लाभ ले सकेंगे।
सरकार ने नया श्रम कानून लागू कर दिया है। और इसमें कई बड़े सुधार भी किए गए हैं। नए रुल के मुताबिक, अब फिक्स्ड टर्म कर्मचारी यानी वो कर्मचारी जो किसी भी जगह स्थायी रूप से काम करता है और उसे बिना कारण अचानक निकाला नहीं जा सकता, ऐसे लोग पांच साल के बाद नहीं, बल्कि सिर्फ सालभर की नौकरी करने के बाद भी ग्रेच्युटी का लाभ ले सकेंगे।
ग्रेच्युटी होता क्या है ?
दरअसल, Gratuity किसी भी कंपनी की तरफ से अपने कर्मचारियों को एक तरह से उनके काम के बदले दिया जाने वाला एक गिफ्ट जैसा होता है। जो पारंपरिक तौर पर, हमारे देश में Payment of Gratuity Act, 1972 के तहत, किसी कर्मचारी को तब मिलती थी जब उसने लगातार पाँच साल की सेवा किसी संस्था में पूरी की हो। यानी - पाँच साल तक काम करना पड़ता था। लेकिन अब ये एक साल में बनेगी।
Gratuity जो है वो कर्मचारियों के लिए आर्थिक तौर पर ये एक बड़ा सहारा साबित होती है, क्योंकि उन्हें कंपनी छोड़ने या फिर रिटायर होने पर ग्रेच्युटी की पूरी रकम एकमुश्त दी जाती है। आपको बता दें कि देश में सभी फैक्ट्रियों, खदानों, ऑयल फील्ड, बंदरगाहों और रेलवे पर पेमेंट एंड ग्रेच्युटी एक्ट लागू होता है। अब तक ये उम्मीद जताई जा रही थी कि ग्रेच्युटी के लिए एलिजिबिलिटी लिमिट को सरकार पांच साल से घटाकर 3 साल करने पर विचार कर रही है, लेकिन अब सरकार की ओर से कर्मचारियों को बड़ा तोहफा देते हुए इसे महज 1 साल न्यूनतम कर दिया गया है।
किस तरह किया जाता है Gratuity का Calculation?
ग्रेच्युटी कैलकुलेट करने का तरीका बेहद ही आसान होता है और आप इस एक फॉर्मूले की मदद से पता कर सकते हैं कि आपकी ग्रेच्युटी कितनी बन रही है। अब मान लीजिए आपने किसी कंपनी में 5 साल तक काम किया है। आपकी लास्ट पे 50000 रुपये है, तो कैलकुलेशन के मुताबिकग आप (50000) को पहले 15 से गुणा कर दीजिए और फिर 26 से भाग कर दीजिए सॉल्व करने के बाद इसका जवाब 28,000 के करीब आपको मिलेगा। यहां पर सैलेरी को 15 से गुणा करने के बाद 26 से क्यों डिवाइड किया गया? ऐसा इसलिए क्योंकि Gratuity को कैलकुलेट करते वक्त महीने में 7 रविवार और मिलने वाले Weekly off को हटा दिया जाता है। इसके हिसाब से महीने के कुल दिन 26 माने जाते हैं।
क्या होते हैं Labour Code ?
Labour Code असल में काम करने वाले लोगों यानी वर्कर्स के लिए बनाए गए कानूनों का नया, आसान और छोटा सेट है...पहले भारत में बहुत सारे लेबर लॉ थे जिनकी कुल संख्या 29 थी...सब जगह अलग-अलग rule चलते थे...और इनको समझना किसी झंझट से कम नहीं था...इसलिए भारत सरकार ने इन 29 पुराने कानूनों को मिलाकर सिर्फ 4 आसान Labour Codes बना दिए हैं।
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4 मुख्य लेबर कोड्स
1. Wage Code : इसमें सैलरी, ओवरटाइम, बोनस और छुट्टियों से जुड़े नियम ।
2. Social Security Code : इस कोड में EPF, पेंशन, ग्रेच्युटी, ESIC जैसी सुविधाएं ।
3. Industrial Relations Code : कंपनी और कर्मचारियों के बीच संबंध, नौकरी लगना/छूटना से जुड़ी जानकारियां ।
4. OSH Code : काम की जगह की सुरक्षा, स्वास्थ्य और वर्किंग कंडीशन्स से जुड़ी जानकारियां आती हैं।
देश में लागू किए गए नए लेबर कानून
- कर्मचारी को ऑफर लेटर देना अब अनिवार्य होगा।
- समय पर वेतन देना : अब आपकी सैलरी आपको टाइम पर ही मिलेगी।
- फिक्स्ड टर्म कर्मचारियों को पांच साल के बजाए सिर्फ एक साल की ग्रेच्युटी।
- किसी की भी सैलरी इतनी कम नहीं होगी की वो जीवन ही ढंग से न जी पाए।
- आपकी 40 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को कंपनी की ओर से हेल्थ चैकअप की सुविधा।
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