दिल्ली में सांस लेना मुश्किल ! AQI 360 के पार.. कई इलाकों की हवा बेहद खराब

दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) लगातार बिगड़ता जा रहा है, और अब कई इलाकों में यह 'बहुत खराब' श्रेणी में पहुंच चुका है। जैसे-जैसे सर्दी का मौसम शुरू होता है, दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ने लगता है।

Nov 10, 2024 - 08:05
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दिल्ली में सांस लेना मुश्किल ! AQI 360 के पार.. कई इलाकों की हवा बेहद खराब
delhi air pollution
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दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) लगातार बिगड़ता जा रहा है, और अब कई इलाकों में यह 'बहुत खराब' श्रेणी में पहुंच चुका है। जैसे-जैसे सर्दी का मौसम शुरू होता है, दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ने लगता है। सर्दी के मौसम में हवा की गति धीमी हो जाने से प्रदूषक कण वातावरण में बने रहते हैं, जिससे हवा की गुणवत्ता में गिरावट होती है। खासकर, वाहनों के धुएं, निर्माण कार्यों से निकलने वाली धूल, पराली जलाने और औद्योगिक कचरे का प्रभाव वायु प्रदूषण में बड़ा योगदान देता है।

प्रदूषण का यह बढ़ता स्तर दिल्ली के निवासियों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर डाल रहा है। डॉक्टरों के अनुसार, प्रदूषित हवा में सांस लेने से लोगों में सांस संबंधी बीमारियां, अस्थमा, खांसी, आंखों में जलन और फेफड़ों के संक्रमण की समस्याएं बढ़ सकती हैं। बुजुर्ग, बच्चे और पहले से श्वसन संबंधी समस्याओं से जूझ रहे लोग इस समय सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। दिल्ली सरकार और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कई उपाय किए हैं, जैसे कि ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत निर्माण कार्यों पर रोक लगाना और ट्रकों की एंट्री को नियंत्रित करना।

हालांकि, इन प्रयासों के बावजूद प्रदूषण का स्तर नियंत्रित नहीं हो पा रहा है। पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने का सीधा प्रभाव दिल्ली की हवा पर पड़ता है, जिससे स्थिति और गंभीर हो जाती है। इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर पराली प्रबंधन के लिए नए और स्थायी उपायों की जरूरत है। इसके साथ ही, लोगों को भी अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए व्यक्तिगत स्तर पर प्रदूषण कम करने के प्रयास करने चाहिए, जैसे कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट का अधिक उपयोग, गाड़ियों का कम से कम उपयोग, और ऊर्जा संरक्षण के उपाय।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस स्थिति में नागरिकों को सावधानी बरतनी चाहिए। लोगों को सलाह दी जा रही है कि वे ज्यादा समय बाहर न बिताएं, मास्क का इस्तेमाल करें, और घरों में एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें। बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को खासकर अपना ख्याल रखने की आवश्यकता है। दिल्ली की हवा को साफ रखने के लिए हर नागरिक का योगदान महत्वपूर्ण है, और प्रदूषण से बचाव ही इस समय का सबसे प्रभावी उपाय है।

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