दिल्ली में इंटर-स्टेट बस सर्विस की शुरुआत
DTC अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता 23 सितंबर को सुबह 11 बजे ISBT कश्मीरी गेट से दिल्ली-बड़ौत (उत्तर प्रदेश) इंटरसिटी रूट पर DTC बसों को हरी झंडी दिखाएँगी। यह उन छह राज्यों के 17 इंटरस्टेट बस रूटों में से पहला है जिन्हें DTC ने इंटरस्टेट बस सेवा फिर से शुरू करने के लिए चिन्हित किया है।
पिछले 15 वर्षों से बंद DTC की इंटरस्टेट बस सेवा फिर से शुरू होने वाली है। दिल्ली सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन 17 सितंबर से शुरू होने वाले सेवा पखवाड़े के दौरान इस सेवा को फिर से शुरू करेगी। DTC अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता 23 सितंबर को सुबह 11 बजे ISBT कश्मीरी गेट से दिल्ली-बड़ौत (उत्तर प्रदेश) इंटरसिटी रूट पर DTC बसों को हरी झंडी दिखाएँगी। यह उन छह राज्यों के 17 इंटरस्टेट बस रूटों में से पहला है जिन्हें DTC ने इंटरस्टेट बस सेवा फिर से शुरू करने के लिए चिन्हित किया है। इसके अलावा, DTC जल्द ही मुरादाबाद, बरेली, लखनऊ, आगरा, अयोध्या, देहरादून, ऋषिकेश, हल्द्वानी, अलवर, जयपुर, बीकानेर, अमृतसर, चंडीगढ़, पटियाला, जम्मू और पानीपत के लिए इंटरस्टेट बस सेवा फिर से शुरू करेगी।
DTC अधिकारियों ने बताया कि 200 किलोमीटर से कम दूरी के इंटरस्टेट रूटों पर कंफर्टेबल इलेक्ट्रिक बसें चलेंगी, जबकि इससे अधिक दूरी के रूटों पर सीएजी बसें चलेंगी। फिलहाल, दिल्ली-बड़ौत रूट पर तीन DTC बसें तैनात की जा रही हैं, जो सुबह और शाम दो शिफ्टों में चलेंगी। ये सभी 12 मीटर लंबी, पूरी तरह से कंफर्टेबल इलेक्ट्रिक बसें होंगी। दिल्ली-बड़ौत रूट छोटा है, इसलिए शहर के अंदर चलने वाली नई DTC इलेक्ट्रिक बसें फिलहाल इसी रूट पर चलेंगी, लेकिन लंबे रूटों के लिए DTC जल्द ही ज़्यादा सीटों वाली और ज़्यादा कंफर्टेबल AC बसें खरीदने जा रही है।
डिजिटल टिकटिंग की भी होगी शुरुआत
23 सितंबर को इंटर स्टेट बस सर्विस को शुरू करने के साथ ही CM रेखा गुप्ता DTC की लोकल बसों में डिजिटल/ई-टिकटिंग सिस्टम को भी लॉन्च करेगी। सिस्टम का ट्रायल काफी समय से राजघाट, कालकाजी समेत कुछ अन्य डिपो की बसों में चल रहा था। हाल ही में यू स्पेशल बसों में भी इसे ट्रायल बेसिस पर शुरू किय गया था, मगर अब 23 सितंबर से DTC की सभी बसों में डिजिटल टिकटिंग सिस्टम पूरे तरीके से शुरू हो जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि इसके लिए सभी बस कंडक्टरों को GPS सिस्टम से लैस E-POS मशीनें दी जाएगी, जिनके जरिए टिकट जारी होगा। इससे बसे की रियल टाइम लोकेशन को ट्रैक करने, बसों में यात्रियों की संख्या का पता लगाने, महिलाओं की सेफ्टी को सुनिश्चित करने, गूगल मैप के जरिए बसों के स्टॉप पर पहुंचने की जानकारी देने में भी मदद मिलेगी। लोग यूपीआई, मोबाइल वॉलेट, क्रेडिट या डेबिट कार्ड के जरिए किराए का भुगतान कर सकेंगे।
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