लोन देने के बजाय बैंक मैनेजर ने मांगी मुर्गे की 'भारी रकम', जानें पूरी कहानी !
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में एक अनोखा और चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें बैंक अधिकारी द्वारा लोन दिलाने के बदले "देसी मुर्गा पार्टी" करने का आरोप लगाया गया है।
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में एक अनोखा और चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें बैंक अधिकारी द्वारा लोन दिलाने के बदले "देसी मुर्गा पार्टी" करने का आरोप लगाया गया है। इस मामले में एक बैंक मैनेजर ने लोन देने के बदले एक व्यक्ति से मुर्गे मंगवाए, जिनकी कीमत कुल 38,900 रुपये बताई जा रही है, लेकिन अंत में न तो लोन दिया गया और न ही मुर्गे की राशि वापस की गई। अब पीड़ित व्यक्ति ने खुदकुशी की धमकी भी दी है, अगर उसे न्याय नहीं मिला।
मामला कैसे हुआ शुरू?
यह मामला बिलासपुर के सरगवां गांव का है, जहां के निवासी रूपचंद मनहर ने एसबीआई बैंक शाखा मस्तूरी में पोल्ट्री फार्म खोलने के लिए लोन का आवेदन दिया था। उन्होंने बैंक से 12 लाख रुपये का लोन मांगा था, ताकि वे अपना पोल्ट्री व्यवसाय शुरू कर सकें। बैंक मैनेजर सुमन कुमार चौधरी ने लोन देने के एवज में 10 प्रतिशत कमीशन की मांग की, जिसे रूपचंद ने दो महीने के भीतर अपनी मुर्गियों को बेचकर पूरा कर दिया।
मुर्गा पार्टी का चौंकाने वाला आरोप
रूपचंद ने आरोप लगाया कि लोन राशि मिलने के बाद भी बैंक मैनेजर ने उसे लोन देने के बजाय हर शनिवार को "देसी मुर्गा" मंगवाने की आदत बना ली। रूपचंद के मुताबिक, इस दौरान बैंक मैनेजर ने कुल 38,900 रुपये के मुर्गे खाए, लेकिन लोन के बारे में कोई ठोस कदम नहीं उठाया। जब रूपचंद ने मुर्गों की राशि की मांग की, तो बैंक मैनेजर ने उसे देने से मना कर दिया और लोन भी नहीं दिया।
पीड़ित का गुस्सा और आत्मदाह की धमकी
रूपचंद मनहर का कहना है कि वह अब न्याय पाने के लिए भूख हड़ताल पर बैठने का निर्णय लिया है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर बैंक मैनेजर द्वारा मुर्गों की राशि और लोन नहीं दिया जाता है, तो वह कीटनाशक पीकर और पेट्रोल डालकर बैंक के सामने आत्मदाह कर लेंगे। उन्होंने एसडीएम से निवेदन किया कि उन्हें जल्द से जल्द लोन और मुर्गों की राशि दिलवाई जाए, ताकि वह इस संकट से बाहर निकल सकें।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
इस मामले में अब पुलिस ने भी जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह मामला गंभीर है और वे इस पर जल्द कार्रवाई करेंगे। फिलहाल, पीड़ित की शिकायत के बाद बैंक मैनेजर पर कार्रवाई की जा सकती है, और संबंधित अधिकारियों से भी पूछताछ की जा रही है।
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