भारत का ट्रंप को सीधा जवाब! 'कश्मीर पर दूसरे देश की मध्यस्थता मंजूर नहीं'

विदेश मंत्री रणधीर जायसवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि लंबे समय से हमारा राष्ट्रीय रुख रहा है कि भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर से जुड़े किसी भी मसले को भारत और पाकिस्तान को द्विपक्षीय रूप से सुलझाना होगा।

May 14, 2025 - 12:45
May 14, 2025 - 13:14
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भारत का ट्रंप को सीधा जवाब! 'कश्मीर पर दूसरे देश की मध्यस्थता मंजूर नहीं'
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भारत सरकार ने कश्मीर में मध्यस्थता संबंधी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह द्विपक्षीय मसला है और इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं हो सकती। विदेश मंत्री रणधीर जायसवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि लंबे समय से हमारा राष्ट्रीय रुख रहा है कि भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर से जुड़े किसी भी मसले को भारत और पाकिस्तान को द्विपक्षीय रूप से सुलझाना होगा। इस नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है। एकमात्र लंबित मसला पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जाए गए इलाके को खाली कराना है।

भारत की कार्रवाई महंगी साबित हुई, पाकिस्तानी DGMO ने किया फोन

संघर्ष विराम के बारे में जायसवाल ने कहा कि दोनों देशों के बीच समझौते की तिथि, समय और शब्दावली के बारे में फैसला 10 मई को 15.35 बजे दोनों डीजीएमओ के बीच फोन कॉल के दौरान हुआ था। इस टेलीफोन कॉल के लिए भारतीय विदेश मंत्रालय को दोपहर 12.37 बजे पाकिस्तानी उच्चायोग से अनुरोध मिला था। तकनीकी कारणों से पाकिस्तानी पक्ष को हॉटलाइन के जरिए संपर्क करने में दिक्कत आ रही थी। इसके बाद भारतीय डीजीएमओ की उपलब्धता के आधार पर इस फोन कॉल का समय तय किया गया। जायसवाल ने आगे कहा कि उसी दिन यानी 10 मई की सुबह भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तानी वायुसेना के बेस पर कार्रवाई कर प्रभावी दबाव बनाने में सफलता पाई थी। इसके बाद पाकिस्तानी पक्ष गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने को तैयार नजर आया। यह भारत की सैन्य ताकत का ही असर है जिसने पाकिस्तान को गोलीबारी रोकने पर मजबूर कर दिया।

जायसवाल ने कहा कि जहां तक ​​दूसरे देशों से बातचीत का सवाल है, भारत की तरफ से संदेश साफ था, सार्वजनिक मंचों के साथ दूसरे देशों से निजी बातचीत में भी यही संदेश दिया गया कि भारत 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के जवाब में जवाब दे रहा है, जिसमें आतंकी ढांचे को निशाना बनाया गया था। यह भी बताया गया कि अगर पाकिस्तानी सेना फायरिंग करेगी तो भारतीय सेना भी जवाबी कार्रवाई में फायरिंग करेगी। अगर पाकिस्तान रुकेगा तो हम भी रुकेंगे। जायसवाल ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी पाकिस्तान से यही कहा गया था, स्वाभाविक है कि विदेशी नेता इस मामले में हमारा यही संदेश पाकिस्तानी वार्ताकारों के सामने रखते।

मीडिया में पाकिस्तानी विदेश मंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि पिछले हफ्ते ऑपरेशन सिंदूर की वजह से पाकिस्तान ने बहावलपुर, मुरीदके, मुजफ्फराबाद में अपने आतंकी ठिकानों को तबाह होते देखा है। इससे पाकिस्तान की सैन्य क्षमताएं सबके सामने उजागर हो गई थीं। हमने उनके मुख्य एयरबेसों को बेकार कर दिया था। अगर पाकिस्तानी विदेश मंत्री इसे अपनी उपलब्धि कहना चाहते हैं तो वह ऐसा करने के लिए स्वतंत्र हैं। जायसवाल ने कहा कि हमारा रुख हमेशा से साफ रहा है कि हम आतंकी ठिकानों को निशाना बनाएंगे, इसलिए अगर पाकिस्तानी सेना इस मुद्दे से दूर रहती तो कोई दिक्कत नहीं होती। 9 मई की रात तक पाकिस्तान भारत को बड़े हमले की धमकी दे रहा था, जब उनकी कोशिशें नाकाम हो गईं तो 10 मई की सुबह भारत का कड़ा जवाबी जवाब देखकर उनके सुर बदल गए और डीजीएमओ ने हमसे संपर्क किया।

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