हरियाणा के चुनावी दंगल में BJP या कांग्रेस किसके मेनिफेस्टो में है कितना दम? जानें

पार्टी ने कई ऐसी घोषणाएं भी की हैं जो कांग्रेस पर भारी पड़ती दिख रही हैं। दिलचस्प बात यह है कि इस बार दोनों ही पार्टियों के घोषणापत्र के केंद्र में महिलाएं हैं। कांग्रेस और भाजपा की ओर से की गई सभी बड़ी घोषणाएं महिला मतदाताओं के इर्द-गिर्द ही केंद्रित हैं।

Sep 19, 2024 - 16:07
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हरियाणा के चुनावी दंगल में BJP या कांग्रेस किसके मेनिफेस्टो में है कितना दम? जानें

हरियाणा के चुनावी रण में कांग्रेस के बाद भारतीय जनता पार्टी ने भी अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है। 20 सूत्रीय संकल्प पत्र के नाम से जारी भाजपा के घोषणापत्र में कई घोषणाएं कांग्रेस से मिलती-जुलती हैं। हालांकि, पार्टी ने कई ऐसी घोषणाएं भी की हैं जो कांग्रेस पर भारी पड़ती दिख रही हैं। दिलचस्प बात यह है कि इस बार दोनों ही पार्टियों के घोषणापत्र के केंद्र में महिलाएं हैं। कांग्रेस और भाजपा की ओर से की गई सभी बड़ी घोषणाएं महिला मतदाताओं के इर्द-गिर्द ही केंद्रित हैं।

दोनों के घोषणापत्र में ये 5 मुद्दे कॉमन हैं

  1. कांग्रेस ने सत्ता में आने पर महिलाओं को सम्मान राशि के तहत 2000 रुपये प्रतिमाह देने का ऐलान किया है। भाजपा ने भी अपने घोषणापत्र में इसी तरह की घोषणा की है। भाजपा संकल्प पत्र के मुताबिक, सत्ता में आने पर हर महिला को लाडो लक्ष्मी योजना के तहत 2100 रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे।
  2. कांग्रेस ने अपनी गारंटी में युवाओं को 2 लाख सरकारी नौकरी देने का वादा किया है। भाजपा ने भी अपने घोषणापत्र में 2 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का वादा किया है। हालांकि, भाजपा ने कहा है कि अगर वह तीसरी बार सत्ता में आई तो बिना किसी पर्ची या खर्चे के सभी नौकरियां दी जाएंगी।
  3.  कांग्रेस ने 500 रुपये में गारंटी के साथ गैस सिलेंडर देने का ऐलान किया है। यह ऐलान भाजपा के घोषणापत्र में भी है। भाजपा ने महिलाओं को 500 रुपये में गैस सिलेंडर देने का भी ऐलान किया है।
  4. दोनों पार्टियों के घोषणापत्र में एमएसपी का भी जिक्र है। कांग्रेस ने सत्ता में आने पर एमएसपी को कानूनी गारंटी देने का वादा किया है। हालांकि, भाजपा के संकल्प पत्र में 24 फसलों को एमएसपी मूल्य पर खरीदने का वादा किया गया है।
  5. लोगों को घर देने का मुद्दा भी दोनों पार्टियों के घोषणापत्र में शामिल है। भाजपा ने शहरी और ग्रामीण इलाकों में 5 लाख घर बनाने का वादा किया है। कांग्रेस ने 100 गज जमीन के साथ घर बनाने के लिए 3.5 लाख रुपये देने का ऐलान किया है।

इन मुद्दों पर घोषणा करने में कांग्रेस आगे

कांग्रेस ने सामाजिक सुरक्षा के तहत बुजुर्गों, दिव्यांगों और विधवाओं को 6000 रुपये पेंशन देने का ऐलान किया है। पार्टी ने अपने घोषणापत्र में नशा मुक्त हरियाणा बनाने का भी वादा किया है। इसके अलावा कांग्रेस ने जातिगत सर्वेक्षण कराने और 7 गारंटी के तहत ओबीसी क्रीमी लेयर की राशि बढ़ाने की बात कही है।

फिलहाल ओबीसी क्रीमी लेयर की राशि 8 लाख तक है। कांग्रेस के मुताबिक हरियाणा में इसे बढ़ाकर 10 लाख किया जाएगा। इसके अलावा कांग्रेस ने सत्ता में आने पर 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का ऐलान किया है।

पार्टी ने सभी परिवारों को 25 लाख रुपये तक मुफ्त इलाज देने का भी ऐलान किया है। कांग्रेस ने हरियाणा में सत्ता में आने पर पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने का भी ऐलान किया है।

बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में सामाजिक पेंशन का जिक्र जरूर किया है, लेकिन कितनी राशि बढ़ाई जाएगी, इस बारे में पार्टी ने कुछ नहीं कहा है।

इन मुद्दों के जरिए बीजेपी ने बढ़त बनाई

भारतीय जनता पार्टी ने तीसरी बार सत्ता में आने पर लड़कियों को स्कूटी देने का वादा किया है। यह स्कूटी ग्रामीण क्षेत्रों की लड़कियों को दी जाएगी। भाजपा ने विभिन्न जातियों के लिए कल्याण बोर्ड बनाने की भी बात कही है।

साथ ही, भाजपा ने दक्षिण हरियाणा को लुभाने के लिए अरावली जंगल सफारी पार्क बनाने की घोषणा की है। यह पार्क अंतरराष्ट्रीय स्तर का होगा। भाजपा ने सरकारी मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में पढ़ने वाले सभी हरियाणवी छात्रों को पूरी छात्रवृत्ति देने की घोषणा की है।

संकल्प पत्र में पार्टी ने अग्निवीर का भी जिक्र किया है। भाजपा के मुताबिक, हर हरियाणवी अग्निवीर को सरकारी नौकरी की गारंटी दी जाएगी। वहीं, कांग्रेस लंबे समय से अग्निवीर योजना पर सवाल उठा रही है। पार्टी का कहना है कि अगर वह केंद्र में सत्ता में आती है तो इस योजना को खत्म कर देगी।

कांग्रेस और भाजपा के बीच है सीधा मुकाबला

हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों के लिए 5 अक्टूबर को मतदान प्रस्तावित है। चुनाव के केंद्र में वैसे तो 5 पार्टियां हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच है। जेजेपी, इनेलो और आम आदमी पार्टी जरूर पूरे मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश कर रही हैं।

हरियाणा में सरकार बनाने के लिए 46 विधायकों की जरूरत है। हालिया लोकसभा चुनाव के आंकड़ों पर नजर डालें तो भाजपा को 44 विधानसभा सीटों पर, कांग्रेस को 42 और आप को 4 सीटों पर बढ़त मिली थी।

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