केंद्र और किसान संगठनों की महत्वपूर्ण बैठक, किसान नेता डल्लेवाल होंगे शामिल
आज चंडीगढ़ में केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच एक अहम बैठक होने जा रही है, जिसका मकसद किसानों की प्रमुख मांगों पर चर्चा करना है।

चंडीगढ़: आज चंडीगढ़ में केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच एक अहम बैठक होने जा रही है, जिसका मकसद किसानों की प्रमुख मांगों पर चर्चा करना है। इस बैठक में किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल भी शामिल होंगे, जो खनौरी किसान मोर्चे से चंडीगढ़ के लिए रवाना हो चुके हैं। बैठक महात्मा गांधी स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, सेक्टर 26, चंडीगढ़ में आयोजित होगी।
इस बैठक में किसानों की एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की कानूनी गारंटी सहित सभी 13 प्रमुख मांगों पर गहन चर्चा होगी। इससे पहले, किसान नेताओं ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि इस बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) और किसान मजदूर मोर्चा का डेलिगेशन हिस्सा लेगा। इन संगठनों ने स्पष्ट किया है कि वे केंद्र सरकार से एमएसपी गारंटी कानून सहित सभी अन्य मुद्दों पर अपनी बात मजबूती से रखेंगे।
पिछले साल फरवरी में भी केंद्र सरकार के साथ किसानों की चार दौर की बातचीत हुई थी, लेकिन तब किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सका। चौथी बैठक में तीन केंद्रीय मंत्री भी शामिल हुए थे, लेकिन कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय नहीं लिया जा सका था। किसान नेताओं ने उस समय भी अपनी नाराजगी व्यक्त की थी, और अब एक बार फिर वे उम्मीद कर रहे हैं कि इस बैठक में उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा।
किसान संगठनों का कहना है कि यदि आज की बैठक में कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकलता, तो वे 25 फरवरी को दिल्ली की तरफ कूच करने का निर्णय ले सकते हैं। किसान संगठनों का यह स्पष्ट संदेश है कि वे अपनी मांगों के लिए किसी भी हद तक जाएंगे और केंद्र सरकार से अब जल्द से जल्द कार्रवाई की उम्मीद रखते हैं।
बैठक को लेकर किसानों के बीच उम्मीद और आशंका का मिश्रण है। एक ओर जहां किसान नेताओं को उम्मीद है कि सरकार उनकी बात सुनेगी, वहीं दूसरी ओर अगर इस बैठक में भी कोई समाधान नहीं निकलता, तो किसानों की हड़ताल और आंदोलन और तेज हो सकता है।
सभी की निगाहें इस बैठक पर टिकी हैं, क्योंकि यह किसानों की लंबित मांगों को लेकर एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकती है। यदि सरकार उनकी बातों पर सकारात्मक कदम उठाती है, तो इससे किसान और सरकार के बीच के रिश्ते में सुधार हो सकता है। वहीं, यदि इस बैठक में कोई ठोस परिणाम नहीं निकला, तो किसान आंदोलनों का अगला चरण और भी उग्र हो सकता है।
किसान नेताओं की मांगें
- MSP की कानूनी गारंटी।
- कृषि कानूनों की निरस्तीकरण।
- अन्य जरूरी अधिकारों की सख्त कानूनी गारंटी।
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