आकाश आनंद की माफी पर कैसे मान गईं मायावती, मजबूरी या सियासी जरूरी?

आकाश की मौजूदगी पार्टी में नई ऊर्जा का संचार कर सकती है। लगातार राजनीतिक चुनौतियों का सामना कर रही बहुजन समाज पार्टी में एक बार फिर राजनीतिक उथल-पुथल बढ़ गई है।

Apr 14, 2025 - 10:27
 15
आकाश आनंद की माफी पर कैसे मान गईं मायावती, मजबूरी या सियासी जरूरी?
Advertisement
Advertisement

मायावती के भतीजे आकाश आनंद माफी मांगने के बाद बसपा में वापस आ गए हैं। मायावती ने उन्हें माफ कर दिया है। चंद्रशेखर आजाद की चुनौती के बीच आकाश की वापसी बसपा के लिए अहम मानी जा रही है। आकाश की मौजूदगी पार्टी में नई ऊर्जा का संचार कर सकती है। लगातार राजनीतिक चुनौतियों का सामना कर रही बहुजन समाज पार्टी में एक बार फिर राजनीतिक उथल-पुथल बढ़ गई है।

मायावती के भतीजे आकाश आनंद माफी मांगने के बाद जहां पार्टी में वापस आ गए हैं, वहीं बुआ ने भी उन्हें मौका देने की बात कहकर माफ कर दिया है। राजनीतिक जानकार आकाश आनंद की वापसी को मायावती की बदली राजनीति का हिस्सा मान रहे हैं। दरअसल कई मोर्चों पर घिरी बसपा के लिए आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरे हैं। दलित समुदाय में लगातार अपनी पैठ बना रहे चंद्रशेखर आजाद से मिल रही चुनौतियों को देखते हुए आकाश आनंद जैसा युवा और तेज तर्रार चेहरा बसपा के लिए काफी अहम है।

राजनीतिक जानकारों की मानें तो आकाश आनंद की वापसी से बीएसपी की किस्मत चमकेगी या नहीं, इसका जवाब तो भविष्य के गर्भ में छिपा है, लेकिन वह बीएसपी में नई ऊर्जा का संचार कर सकते हैं और घटते जनाधार को बचाने में भी उनकी भूमिका अहम हो सकती है। जानकारों की मानें तो बीएसपी के सभी पुराने चेहरे या तो पार्टी छोड़ चुके हैं या फिर निष्कासित हो चुके हैं।

ऐसे में सिर्फ मायावती ही पार्टी का प्रमुख चेहरा हैं। पार्टी में कोई दूसरा दलित चेहरा न होने से चंद्रशेखर आजाद बड़ी चुनौती बनकर उभरे हैं। खास तौर पर वेस्ट यूपी में जाटव समुदाय के युवाओं के बीच चंद्रशेखर की लोकप्रियता काफी बढ़ी है। ऐसे में मायावती को कहीं न कहीं लगता है कि चंद्रशेखर के प्रभाव को कम करने के लिए उन्हें आकाश आनंद की जरूरत है, क्योंकि वह भी जाटव समुदाय से हैं और काफी युवा हैं। इसलिए फिलहाल आकाश आनंद पार्टी के लिए 'तिनके के सहारे' की तरह हैं। पार्टी में आकाश आनंद की मौजूदगी कहीं न कहीं पार्टी कैडर में जोश भर देगी।

पार्टी में फूट की अटकलों पर भी विराम लग गया है

आकाश आनंद की पार्टी में वापसी के साथ ही पार्टी में फूट की अटकलों पर भी विराम लग गया है। आकाश आनंद ने अपने माफीनामे में कहा है कि वह अब अपने ससुराल वालों की बात नहीं मानेंगे। मायावती ने यह भी कहा कि आकाश के ससुर अशोक सिद्धार्थ का अपराध क्षमा योग्य नहीं है। इसलिए पहले जो अटकलें लगाई जा रही थीं कि आकाश आनंद अपने ससुर के साथ मिलकर नई पार्टी बना सकते हैं, मायावती ने अब इन अटकलों पर भी पूर्ण विराम लगा दिया है।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow