बुलडोजर किसी का घर कैसे गिरा सकता है? सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में आरोपियों के खिलाफ की गई बुलडोजर कार्रवाई पर सुनवाई की। इस दौरान जस्टिस विश्वनाथन और जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने कहा, 'कोई भी दोषी हो, लेकिन उसके खिलाफ ऐसी कार्रवाई नहीं की जा सकती।' यह पहली बार नहीं है जब किसी आरोपी की संपत्ति पर बुलडोजर चलाने का मामला चर्चा में आया हो।
अगर कोई आरोपी है तो उसकी संपत्ति को गिराने की कार्रवाई कैसे की जा सकती है? यह सवाल सोमवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ने पूछा। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में आरोपियों के खिलाफ की गई बुलडोजर कार्रवाई पर सुनवाई की। इस दौरान जस्टिस विश्वनाथन और जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने कहा, 'कोई भी दोषी हो, लेकिन उसके खिलाफ ऐसी कार्रवाई नहीं की जा सकती।' यह पहली बार नहीं है जब किसी आरोपी की संपत्ति पर बुलडोजर चलाने का मामला चर्चा में आया हो।
इससे पहले भी उत्तर प्रदेश समेत दूसरे राज्यों में बुलडोजर चर्चा में रहे हैं। आज निर्माण गिराने, बर्फ हटाने और खुदाई समेत कई कामों में बुलडोजर का काम हो रहा है, लेकिन इसे बनाने का मकसद कुछ और था। आइए, इसी बहाने जानते हैं कि बुलडोजर का जन्म कैसे हुआ, इसे कौन बनाता है और जेसीबी और बुलडोजर में क्या अंतर है?
खेती के लिए आए बुलडोजर का काम कैसे बदलता रहा?
इसका कनेक्शन अमेरिका के कंसास से है। भले ही यह आश्चर्यजनक हो, लेकिन दिलचस्प बात यह है कि बुलडोजर का आविष्कार खेती को आसान बनाने के लिए किया गया था। दुनिया के पहले बुलडोजर का आविष्कार जेम्स कमिंग्स और जे. अर्ल मैकलियोड ने 1923 में कंसास में किया था।
यह वह समय था जब खेतों की जुताई करना बहुत ही चुनौतीपूर्ण काम था, इसे हल करने के लिए उन्होंने एक बड़ा ब्लेड बनाया जिससे खेतों की जुताई की जा सकती थी। इसे ट्रैक्टर से जोड़कर इस्तेमाल करने लायक बनाया गया। यह आविष्कार सफल रहा। इस खोज ने कई अन्य कामों को आसान बना दिया।
उन्होंने वर्ष 1925 में इसका पेटेंट कराया। शक्तिशाली ब्लेड और इंजन के कारण इसका इस्तेमाल भारी वस्तुओं को धकेलने के लिए किया जाने लगा। हालांकि शुरुआत में इसका इस्तेमाल खेती में किया जाता था, लेकिन धीरे-धीरे इसका इस्तेमाल इंजीनियरिंग, इमारतों को गिराने और सड़क निर्माण समेत कई कामों में होने लगा। इस तरह यह एक चलन बन गया। इसकी खास क्षमता के कारण इसका इस्तेमाल दुनिया के कई देशों में निर्माणों को गिराने के लिए किया जाने लगा।
जेसीबी और बुलडोजर में क्या अंतर है?
आमतौर पर लोग जेसीबी और बुलडोजर को लेकर भ्रमित रहते हैं। लोगों में यह गलत धारणा है कि दोनों एक ही हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। जेसीबी बुलडोजर का एक ब्रांड है। जेसीबी एक ब्रिटिश कंपनी है जो भारी उपकरण बनाती है। इस कंपनी का नाम इसके संस्थापक जोसेफ सिरिल बैमफोर्ड के नाम पर रखा गया था। यह कंपनी बुलडोजर बनाती है।
जेसीबी कंपनी बैकहो लोडर बनाती है, जिसे बुलडोजर कहा जाता है। यह कंपनी सिर्फ बुलडोजर तक सीमित नहीं है और नौ अलग-अलग श्रेणियों में 60 से अधिक उत्पाद बनाती है। इनका इस्तेमाल निर्माण कार्य, वजन उठाने और जमीन खोदने समेत कई कामों में किया जाता है। यह कंपनी दुनिया के 150 से अधिक देशों में उत्पाद बेचती है।
बुलडोजर एक नहीं बल्कि 5 तरह के होते हैं
1- क्रॉलर बुलडोजर: इसका इस्तेमाल भारी सामान को लोड करने और धकेलने के लिए किया जाता है। यह डिजाइन में थोड़ा अलग होता है। इसके पहियों में ट्रैक होते हैं ताकि यह जमीन में धंसे नहीं। इसका इस्तेमाल उबड़-खाबड़ जगहों पर भी किया जा सकता है।
2- मिनी बुलडोजर: यह आकार में थोड़ा छोटा होता है। इसलिए इसका इस्तेमाल छोटे प्रोजेक्ट में किया जाता है। जैसे- भारी बर्फबारी के दौरान बर्फ हटाने में।
3- व्हील बुलडोजर: यह क्रॉलर बुलडोजर से बड़ा होता है। क्रॉलर के मुकाबले व्हील बुलडोजर आसानी से चल सकता है।
4- हाइब्रिड बुलडोजर: यह हाईटेक तकनीक वाली मशीन है। इसका इस्तेमाल गीले और सूखे दोनों जगहों पर किया जा सकता है।
5- मल्चर बुलडोजर: इसका इस्तेमाल रास्ते में पड़ने वाले पौधों को हटाने के लिए किया जाता है ताकि रास्ता साफ हो सके।
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