गृह मंत्री ने जम्मू-कश्मीर के बाढ़ प्रभावित इलाकों का किया दौरा, बाढ़ पीड़ितों से की मुलाकात
केंद्रीय मंत्री के साथ उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और जम्मू-कश्मीर विधानसभा में विपक्ष के नेता सुनील शर्मा भी मौजूद थे। जम्मू के संभागीय आयुक्त रमेश कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने स्थिति की जानकारी दी। शाह रविवार रात बाढ़ की स्थिति और राहत कार्यों का जायजा लेने जम्मू पहुँचे थे।
जम्मू-कश्मीर में बारिश और भूस्खलन से हालात बिगड़ गए हैं। लगातार हो रही बारिश से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच, सोमवार (1 सितंबर) को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू का दौरा किया और बाढ़ प्रभावित लोगों से मुलाकात की। मंत्री ने उन्हें राहत और पुनर्वास का आश्वासन भी दिया।
इस दौरान केंद्रीय मंत्री के साथ उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और जम्मू-कश्मीर विधानसभा में विपक्ष के नेता सुनील शर्मा भी मौजूद थे। जम्मू के संभागीय आयुक्त रमेश कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने स्थिति की जानकारी दी। शाह रविवार रात बाढ़ की स्थिति और राहत कार्यों का जायजा लेने जम्मू पहुँचे थे।
शाह ने बाढ़ प्रभावित लोगों से मुलाकात की
अमित शाह ने जम्मू संभाग में बारिश, बाढ़ और भूस्खलन प्रभावित इलाकों का दौरा किया और प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने चक मंगू गाँव के बाढ़ प्रभावित लोगों से मुलाकात की और जम्मू में बाढ़ से क्षतिग्रस्त तवी पुल, शिव मंदिर और घरों का भी निरीक्षण किया। अधिकारियों ने बताया कि मंत्री ने ग्रामीणों से बातचीत की और उन्हें उचित राहत और पुनर्वास प्रदान करने का आश्वासन दिया।
गृह मंत्री की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई जिसमें ताज़ा स्थिति की समीक्षा की गई। मंत्री ने आदेश दिया कि मौसम विभाग और एनडीएमए डेटा एनालिटिक्स और एआई का उपयोग करके बादल फटने के कारणों का अध्ययन करें। शाह ने जीएलओएफ प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली की गहन समीक्षा की आवश्यकता पर बल दिया।
गृह मंत्रालय की सर्वेक्षण टीमें नुकसान का जायजा लेंगी
अमित शाह ने हाल ही में हुई प्राकृतिक आपदाओं में हुई जान-माल की हानि पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने यह भी कहा कि मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ मजबूती से खड़ी है और सुरक्षा, पुनर्वास एवं पुनर्निर्माण के लिए त्वरित राहत, वित्तीय सहायता और तकनीकी सहायता प्रदान कर रही है। शाह ने कहा कि गृह मंत्रालय की सर्वेक्षण टीमें जल्द ही नुकसान का आकलन करने के लिए यहाँ आएंगी और उसके बाद त्वरित सहायता प्रदान की जाएगी।
शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन और सभी एजेंसियों ने मिलकर संभावित नुकसान को काफी कम कर दिया है और समन्वित प्रयासों से हम कई लोगों की जान बचाने में सफल रहे हैं, लेकिन इस प्रणाली को और मजबूत करने की आवश्यकता है।
130 से ज़्यादा लोगों की मौत, 33 लापता
14 अगस्त से किश्तवाड़, कठुआ, रियासी और रामबन ज़िलों में बादल फटने, भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ के कारण 130 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 33 लोग लापता हैं। मृतकों में 34 तीर्थयात्री भी शामिल हैं जो 26 अगस्त को माता वैष्णो देवी मंदिर जाते समय भूस्खलन में फंस गए थे। 26-27 अगस्त को हुई मूसलाधार बारिश के कारण जम्मू और अन्य निचले इलाकों में अचानक आई बाढ़ से भारी नुकसान हुआ है।
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