हेमंत सोरेन ने फिर से झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में ली शपथ
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज राज्य के 14वें मुख्यमंत्री के तौर पर एक भव्य शपथग्रहण समारोह में पद की शपथ ली। राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। यह हेमंत सोरेन का मुख्यमंत्री के रूप में चौथा कार्यकाल है..
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज (28 नवंबर) राज्य के 14वें मुख्यमंत्री के तौर पर एक भव्य शपथग्रहण समारोह में पद की शपथ ली। रांची में आयोजित इस समारोह में राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। यह हेमंत सोरेन का मुख्यमंत्री के रूप में चौथा कार्यकाल है, और उनके नेतृत्व में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) लगातार राज्य में अपनी पकड़ मजबूत बनाए हुए है।
शपथग्रहण समारोह में शामिल हुए प्रमुख नेता
इस ऐतिहासिक मौके पर कई प्रमुख राजनीतिक हस्तियां उपस्थित थीं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, और कई अन्य नेताओं ने समारोह में भाग लिया।
इसके अतिरिक्त, झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन और उनकी पत्नी रूपी सोरेन भी शपथग्रहण के समय मौजूद रहे। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, तमिलनाडु के डिप्टी सीएम उदयनिधि स्टालिन, और कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार जैसे नेताओं ने भी इस अवसर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
नितिल सोरेन का बयान
हेमंत सोरेन के बेटे नितिल सोरेन ने समारोह से पहले कहा, "मैं अपने पिता के शपथग्रहण को लेकर बहुत खुश हूं। हर कोई इस ऐतिहासिक पल का गवाह बनने आया है। झारखंड के आदिवासियों से मैं कहना चाहता हूं कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) आपके लिए काम कर रहा है और पूरे राज्य के विकास के लिए काम कर रहा है।"
झारखंड में 'इंडिया' गठबंधन की जीत
झारखंड में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में हेमंत सोरेन ने बीजेपी के गमलियल हेम्ब्रम को 39,791 वोटों के अंतर से हराकर बरहेट सीट पर जीत दर्ज की थी। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेतृत्व में 'इंडिया' गठबंधन ने विधानसभा में 81 सीटों में से 56 सीटें जीतकर बहुमत बनाए रखा। जबकि बीजेपी के नेतृत्व वाला NDA गठबंधन 24 सीटों पर ही सीमित रह गया।
कांग्रेस और अन्य दलों का समर्थन
हेमंत सोरेन के नेतृत्व में गठबंधन की सफलता के बाद यह साफ हो गया है कि झारखंड में कांग्रेस और अन्य सहयोगी दलों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। शपथग्रहण समारोह में इन सभी दलों के नेताओं ने सोरेन के नेतृत्व में राज्य की प्रगति और आदिवासी समुदाय के अधिकारों के संरक्षण का समर्थन व्यक्त किया।
नवीन कार्यकाल की प्राथमिकताएं
हेमंत सोरेन ने अपने शपथग्रहण के बाद राज्य की प्रगति के लिए अपनी प्राथमिकताओं का ऐलान किया। उन्होंने राज्य में विकास कार्यों को और तेज करने, खासकर आदिवासी समुदाय के कल्याण के लिए ठोस कदम उठाने का वादा किया। उनकी सरकार की योजना है कि रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में अधिक निवेश किया जाए ताकि राज्य के हर नागरिक को समान अवसर मिल सके।
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