हरियाणा विधानसभा को किया गया भंग, कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहेंगे नायब सैनी
1947 में देश आजाद होने के बाद कभी किसी राज्य में ऐसी नौबत नहीं आई यहां तक कि कोरोना काल में भी हरियाणा में ऐसे ही संकट को टालने के लिए एक दिन का सेशन बुलाया गया था।
हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने 52 दिन पहले प्रदेश विधानसभा को भंग कर दिया है, राज्य की बीजेपी सरकार ने विधानसभा भंग करने की सिफारिश की थी। नियम के मुताबिक, विधानसभा के 2 सेशन में छह महीने से ज्यादा का गैप नहीं हो सकता लेकिन हरियाणा विधानसभा के पिछले सेशन को 12 सितंबर को 6 महीने पूरे हो रहे थे।
चुनाव का नोटिफिकेशन जारी होने की वजह से सेशन बुलाना संभव नहीं था इस संवैधानिक संकट से बचने के लिए सैनी सरकार ने विधानसभा भंग करने की सिफारिश की थी।
संवैधानिक संकट के बाद विधानसभा भंग करने का यह पहला मामला है, 1947 में देश आजाद होने के बाद कभी किसी राज्य में ऐसी नौबत नहीं आई यहां तक कि कोरोनाकाल में भी हरियाणा में ऐसे ही संकट को टालने के लिए एक दिन का सेशन बुलाया गया था।
बता दें कि विधानसभा भंग होने के बाद नायब सिंह सैनी कार्यावहक सीएम के तौर पर काम करेंगे...
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