क्या है H-1B वीजा जिसकी चर्चाएं तेज? जानें भारतीयों पर क्या होगा इसका असर…
ट्रम्प की नई H-1B वीज़ा पॉलिसी 27 फरवरी, 2026 से लागू होगी, जो पुरानी लॉटरी सिस्टम की जगह लेगी। यह पॉलिसी ज़्यादा स्किल्ड और ज़्यादा कमाई करने वाले प्रोफेशनल्स को प्राथमिकता देगी, खासकर AI और इंजीनियरिंग जैसे फील्ड वालों को।
H-1B वीजा पर बने नए नियम 27 फरवरी 2026 से लागू हो जाएंगे। H-1B वीजा की फीस 1 लाख डॉलर करने के बाद ट्रंप प्रशासन ने इसमें कई और बड़े बदलाव किए हैं। तो आइए जानते हैं H-1B वीजा से जुड़े सभी जरूरी सवालों के जवाब।
लॉटरी सिस्टम क्या था?
लॉटरी सिस्टम के तहत अमेरिका हर साल 85,000 H-1B वीजा जारी करता है। इसमें 65,000 वीजा सामान्य वर्ग और 20,000 वीजा अमेरिका में एडवांस डिग्री हासिल करने वालों को दिया जाता है। लॉटरी सिस्टम के अंतर्गत सभी को बराबरी का मौका मिलता था और अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा (USCIS) लॉटरी की मदद से वीजा आवेदकों के नाम का चयन करता था।
क्या है H-1B वीजा ?
H-1B वीज़ा एक विशेष प्रकार का अमेरिकी वीज़ा है जो विदेशी पेशेवरों को संयुक्त राज्य अमेरिका में अस्थायी रूप से काम करने की अनुमति देता है। यह उन लोगों के लिए डिज़ाइन किया गया है जिनके पास विशेषीकृत ज्ञान और कम से कम स्नातक की डिग्री है, खासकर तकनीकी, वैज्ञानिक या इंजीनियरिंग क्षेत्रों में।
इस वीज़ा को प्राप्त करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण शर्त यह है कि अमेरिका में स्थित एक कंपनी आपको नौकरी का प्रस्ताव दे और आपके लिए अमेरिकी सरकार के पास आवेदन (petition) जमा करे। यह एक गैर-आप्रवासी (non-immigrant) वीज़ा है, जिसका अर्थ है कि यह स्थायी निवास की गारंटी नहीं देता है, और आमतौर पर इसकी वैधता अवधि छह साल तक सीमित होती है।
H-1B वीजा के नए नियम क्या हैं?
नए नियम के तहत ज्यादा अनुभव रखने वाले लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी, साथ ही उनके सामने अधिक वेतन की भी पेशकश की जाएगी। अमेरिकी श्रम विभाग के अनुसार, वेतन के स्तर को 4 श्रेणियों में विभाजित किया जाएगा।
H-1B वीजा के लिए क्या होगी आवेदन प्रक्रिया?
- H-1B वीजा का आवेदन करने के लिए सभी को ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
- आवेदन के दौरान 1 लाख डॉलर (लगभग 90 लाख रुपये) की रजिस्ट्रेशन फीस जमा करनी होगी।
- आवेदकों को कंपनी से जुड़ी जानकारी भी देनी होगी।
- वैध पासपोर्ट की जानकारी या यात्रा के वैध दस्तावेज जमा करने होंगे।
- हर वित्त वर्ष में कम से कम 14 दिन के भीतर शुरुआती रजिस्ट्रेशन करना होगा।
- रजिस्ट्रेशन और दस्तावेजों के आधार पर USCIS लोगों का चयन करेगा।
- चयनित आवेदकों को नोटिस भेजकर इसकी जानकारी दी जाएगी।
किसको होगा फायदा?
अमेरिका की नई वीजा नीति से वरिष्ठ पेशेवर खासकर आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस, साइबर सिक्योरिटी और एडवांस इंजीनियरिंग समेत ज्यादा सैलरी पाने वाले लोगों को फायदा होने की उम्मीद है।
भारतीयों पर क्या होगा असर?
H-1B वीजा का लाभ उठाने वाले 70 प्रतिशत भारतीय होते हैं। खासकर तकनीकी, इंजीनियरिंग और सर्विस सेक्टर में ज्यादातर भारतीय H-1B वीजा की मदद से ही अमेरिका जाते हैं। इनमें ज्यादातर आवेदक एंट्री लेवल पर आते हैं। इसके अलावा पढ़ाई के लिए भी भारी संख्या में भारतीय अमेरिका का रुख करते हैं। ऐसे में वेतन आधारित नई नीति में भारतीयों को H-1B वीजा पाने की कतार में पीछे खड़ा होना पड़ सकता है।
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