Gujarat : देश का सबसे स्वच्छ नगर 'सूरत' अब बनने जा रहा है "भारत का सर्वाधिक हरित नगर"

आर्ट ऑफ लिविंग के Sri Sri Rural Development Programme & Sustainability (SSRDP) और सूरत महानगरपालिका (SMC) के मध्य हुए सहमति ज्ञापन (MoU) के अंतर्गत यह ऐतिहासिक पहल आज से प्रारंभ हुई।

Dec 25, 2025 - 17:20
Dec 25, 2025 - 17:54
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Gujarat : देश का सबसे स्वच्छ नगर 'सूरत' अब बनने जा रहा है "भारत का सर्वाधिक हरित नगर"

आर्ट ऑफ लिविंग के Sri Sri Rural Development Programme & Sustainability (SSRDP) और सूरत महानगरपालिका (SMC) के मध्य हुए सहमति ज्ञापन (MoU) के अंतर्गत यह ऐतिहासिक पहल आज से प्रारंभ हुई।

गुरुदेव श्रीश्री रविशंकर जी के प्रेरणादायक मार्गदर्शन में आरंभ हुआ यह मिशन न केवल सूरत, बल्कि पूरे देश को सिंगल यूज़ प्लास्टिक से मुक्त कर एक स्वच्छ, हरित और स्वस्थ भारत की दिशा में अग्रसर करेगा।

Eco Kranti का दृष्टिकोण स्पष्ट है — विकास और प्रकृति साथ-साथ चलें। आधुनिकता की राह पर बढ़ते हुए हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि विकास कभी भी पर्यावरण के मूल्य पर न हो, बल्कि प्रकृति के साथ समरसता बनाते हुए भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत को सम्मान मिले।

इस मिशन का मुख्य उद्देश्य सिंगल यूज़ प्लास्टिक को समाप्त करना और नागरिकों में पर्यावरण हितैषी आदतों को प्रोत्साहित करना है।

SSRDP और SMC के मध्य हुए इस सहमति ज्ञापन के अंतर्गत नगर में पर्यावरण-अनुकूल नवाचार, वैज्ञानिक अपशिष्ट पुनर्चक्रण (वेस्ट रीसाइक्लिंग) और हरित पहल (Green Pahal) को बढ़ावा दिया जाएगा।

सिंगल यूज़ प्लास्टिक हमारी प्रकृति और स्वास्थ्य दोनों के लिए एक गंभीर संकट बन चुका है। ये प्लास्टिक सूक्ष्म कणों (माइक्रोप्लास्टिक) में टूटकर हमारी हवा, जल और भोजन में मिल जाते हैं। 

एक अनुसंधान के अनुसार, प्रत्येक व्यक्ति प्रति सप्ताह लगभग एक क्रेडिट कार्ड के आकार के बराबर माइक्रोप्लास्टिक का सेवन करता है, जिससे कैंसर, हार्मोनल असंतुलन, ऑटोइम्यून विकारों और प्रजनन समस्याओं जैसी गंभीर स्वास्थ्य चुनौतियां उत्पन्न होती हैं। यह केवल पर्यावरण संकट नहीं, बल्कि एक मानव स्वास्थ्य आपातस्थिति है।

‘Eco Kranti’ का संकल्प है — एक स्वच्छ, हरित और सुखी समाज का निर्माण करना, जहाँ सतत विकास (Sustainability) एक विकल्प नहीं बल्कि जीवन का मूल आधार बने।

इसी दिशा में, आर्ट ऑफ लिविंग ने पर्यावरण-अनुकूल और सतत उत्पादों की एक श्रृंखला विकसित की है, जो केवल 9 महीनों में प्राकृतिक रूप से विघटित होकर खाद बन जाते हैं, जबकि सिंगल यूज़ प्लास्टिक को विघटित होने में हज़ारों वर्ष लगते हैं। यह मिशन नागरिकों, उद्यमियों और उद्योगों को ऐसे टिकाऊ विकल्पों को अपनाने और उनके उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए प्रेरित करता है।

सूरत में हुए शुभारंभ कार्यक्रम को सूरत नगर भाजपा अध्यक्ष परेश पटेल का विशेष प्रोत्साहन एवं सहयोग प्राप्त हुआ। सहमति ज्ञापन हस्ताक्षर समारोह में SSRDP के निदेशक एवं न्यासी देवांग वोरा (जो गुरुदेव श्रीश्री रविशंकर जी के प्रतिनिधि थे), सूरत महापौर दाक्षेश मावाणी, SMC स्थायी समिति अध्यक्ष राजन पटेल, आर्ट ऑफ लिविंग जिला विकास समिति सदस्य प्रकाश धोरियाणी और आर्ट ऑफ लिविंग शिक्षक सी.ए. हरी अरोरा उपस्थित रहे।

प्रेसवार्ता के बाद इन महानुभावों के हाथों शहर की ऐसी अस्पतालें, जहां प्लास्टिक डिस्पोजल का अधिक उपयोग होता है, और युवा पीढ़ी को जागृत करने के उद्देश्य से ट्यूशन क्लासेज में ‘Eco Kranti’ के उत्पादों का वितरण किया गया।

लॉन्च के दिन ₹10 लाख से अधिक मूल्य के ‘Eco Kranti’ उत्पाद सूरत नगर में 50 से अधिक स्थानों पर निःशुल्क वितरित किए गए, जिससे हरित क्रांति की दिशा में नगर ने अपना पहला ठोस कदम उठाया।

‘Eco Kranti’ के उत्पाद अब Amazon और Blinkit जैसे ऑनलाइन मंचों पर भी उपलब्ध हैं, जिससे नागरिकों के लिए पर्यावरण हितैषी विकल्प अपनाना और भी सरल हो गया है।

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