विदेश मंत्रालय की पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी, कहा- जुबान पर कंट्रोल रखें पाकिस्तानी नेता...
जायसवाल ने कहा कि पाकिस्तानी नेता अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए बार-बार ऐसे बयान देते हैं। उन्हें अपनी ज़ुबान पर लगाम लगानी चाहिए, क्योंकि अगर उन्होंने कोई गलत कदम उठाया, तो अंजाम बहुत बुरा होगा।
भारत ने पाकिस्तानी नेताओं को अपनी ज़ुबान पर लगाम लगाने की सलाह दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा कि पाकिस्तानी नेता भारत के खिलाफ गैर-ज़िम्मेदाराना, युद्धोन्मादी और नफ़रत फैलाने वाले बयान दे रहे हैं।
जायसवाल ने कहा कि पाकिस्तानी नेता अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए बार-बार ऐसे बयान देते हैं। उन्हें अपनी ज़ुबान पर लगाम लगानी चाहिए, क्योंकि अगर उन्होंने कोई गलत कदम उठाया, तो अंजाम बहुत बुरा होगा।
दरअसल, पिछले 48 घंटों में तीन पाकिस्तानी नेताओं ने सिंधु जल संधि को स्थगित करने को लेकर भारत के खिलाफ धमकी भरे बयान दिए हैं। इनमें सेना प्रमुख असीम मुनीर, प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ़ और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो शामिल हैं।
जायसवाल ने सिंधु समझौते पर पाकिस्तान के दावों को खारिज किया
जायसवाल ने सिंधु जल समझौते को लेकर मध्यस्थता न्यायालय की वैधता पर कहा कि- भारत मध्यस्थता न्यायालय की न तो कानूनी मान्यता है, न वैध, और न ही इसे कोई अधिकार है कि वह इस तरह के फैसले दे सके। इसलिए इसके फैसले अधिकार क्षेत्र से बाहर है। ये भारत के जल उपयोग के अधिकारों पर कोई असर नहीं डालती हैं।
जायसवाल ने समझौते को लेकर पाकिस्तान के दावे को भी खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, "जैसा कि 27 जून 2025 की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, भारत सरकार के फैसले के कारण सिंधु जल संधि निलंबित है। यह कदम पहलगाम हमले सहित सीमा पार आतंकवाद में पाकिस्तान की लगातार वृद्धि के जवाब में उठाया गया है।"
भारत-अमेरिकी रिश्ते और अलास्का में पुतिन-ट्रम्प के बैठक पर बोले जायसवाल
- भारत-अमेरिका साझेदारी- अमेरिका और भारत का रिश्ता गहरे रणनीतिक सहयोग, लोकतांत्रिक मूल्यों और मजबूत आपसी संबंधों पर टिका है। यह साझेदारी कई बदलावों और चुनौतियों से गुजरी है, लेकिन हमें भरोसा है कि आपसी सम्मान और साझा हितों के आधार पर यह आगे भी मजबूत होगी।
- विदेश मंत्री की रूस यात्रा- विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर के भारत-रूस इंटर-गवर्नमेंट सेशन के 26वें सत्र के लिए मॉस्को जाने की उम्मीद है। यह इस महीने के अंत में होगा।
- पुतिन-ट्रम्प के बीच बैठक- हम 15 अगस्त को अलास्का में होने वाली बैठक के लिए अमेरिका और रूस के बीच बनी सहमति का स्वागत करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी पहले भी कई मौकों पर कह चुके हैं कि यह युद्ध का युग नहीं है।
- भारत-चीन सीमा व्यापार- हम भारत और चीन के बीच सभी ट्रेड प्वाइंट, उत्तराखंड में लिपुलेख दर्रा और शिपकी ला दर्रा के माध्यम से सीमा व्यापार को फिर से शुरू करने के लिए चीनी पक्ष के साथ बात कर रहे हैं।
- अमेरिकी मानवाधिकार रिपोर्ट- ये रिपोर्टें आरोपों, गलतबयानी और एक तरफा अनुमान हैं जो भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को सच्चाई के साथ नहीं दिखाती हैं। हम ऐसे पक्षपाती रिपोर्ट पर भरोसा नहीं करते। अमेरिका ने 12 अगस्त को ये रिपोर्ट जारी किया था।
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