पुलिस के साथ नशा तस्करों की मुठभेड़, पुलिस ने नामी तस्करों को किया गिरफ्तार
पुलिस ने उसे और उसके साथ आए दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया और घायलों को अस्पताल पहुंचाया, जहां उनकी मौत हो गई। पुलिस गिरफ्तार किए गए उसके साथियों को अदालत में पेश कर रिमांड पर लेकर उनसे पूछताछ करेगी।

शाहकोट में हेरोइन सप्लाई करने आने की सूचना पर जब पुलिस तीन नशा तस्करों को गिरफ्तार करने पहुंची तो उनमें से एक नशा तस्कर ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। सीआईए स्टाफ के ASI मनदीप सिंह नीचे झुक गए, जिससे गोली उनके सिर के आर-पार हो गई। जवाबी फायरिंग में गोली चलाने वाले नशा तस्कर के सीने में गोली लग गई।
पुलिस ने उसे और उसके साथ आए दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया और घायलों को अस्पताल पहुंचाया, जहां उनकी मौत हो गई। पुलिस गिरफ्तार किए गए उसके साथियों को अदालत में पेश कर रिमांड पर लेकर उनसे पूछताछ करेगी। शव को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल में रखवा दिया गया है। मृतक की पहचान लोहियां के कुटबीवाल निवासी गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी के रूप में हुई है।अन्य दो आरोपियों की पहचान गोपी के चचेरे भाई लवप्रीत सिंह उर्फ लब्बा और लोहियां के गांव मंडाला निवासी रोहित के रूप में हुई है।
आरोपियों के पास से एक देसी पिस्तौल, तीन जिंदा कारतूस और एक खोखा बरामद हुआ है। इसके अलावा 100 ग्राम हेरोइन बरामद हुई है, जिसे वे सप्लाई करने निकले थे।
गोपी के खिलाफ अलग-अलग थानों में अपहरण, हत्या का प्रयास, मारपीट, लूट और आर्म्स एक्ट के छह मामले दर्ज हैं। जबकि रोहित और लवप्रीत के खिलाफ अलग-अलग थानों में नशा तस्करी, हत्या, हत्या का प्रयास, आर्म्स एक्ट और मारपीट के चार-चार मामले दर्ज हैं।
हेरोइन भी बरामद
SSP हरविंदर सिंह विर्क ने बताया कि उन्हें गुप्त सूचना मिली थी कि लंबे समय से नशा तस्करी कर रहे तीन नशा तस्कर जालंधर के शाहकोट में हेरोइन सप्लाई करने आ रहे हैं। ऐसे में तीनों को पकड़ने के लिए सीआईए देहात की टीम, जिसमें एसआई निर्मल सिंह, ASI मनिंदर सिंह, राजबीर सिंह, मनदीप सिंह गोना और पांच अन्य जवान शामिल थे, सूचना के आधार पर नाकाबंदी करने शाहकोट पहुंचे।
वहां बाइक सवार तीन युवकों को रोका गया, जिन्होंने अपना नाम रोहित, लवप्रीत और गुरप्रीत बताया। इसके बाद तीनों से 100 ग्राम हेरोइन बरामद की गई। SSP विर्क ने बताया कि इसी बीच गोपी ने पिस्तौल निकालकर पुलिस पर फायर कर दिया। गोली मंदीप की तरफ चलाई गई लेकिन उसने झुककर खुद को बचा लिया। मंदीप ने जवाबी फायर किया जो गोपी की छाती में लगा जिससे वह वहीं गिर पड़ा। उसके साथियों को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस गोपी को अस्पताल ले गई लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। एसएसपी विर्क ने बताया कि रिमांड के दौरान दोनों आरोपियों से पता लगाया जाएगा कि वे हेरोइन कहां से लाए थे और कहां सप्लाई करनी थी।
11 साल पहले पहला मामला दर्ज हुआ था गोपी पर
पहला केस पुलिस की गोली से मारा गया गोपी काफी पुराना और कुख्यात तस्कर बताया जाता है। उसके खिलाफ पहला केस 2014 में शाहकोट थाने में अपहरण और साजिश रचने का दर्ज हुआ था। इसके बाद उसके खिलाफ थाना लोहियां, थाना सदर कपूरथला में हत्या के प्रयास, थाना लोहियां में लूट के प्रयास और मोगा में आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज हुए।
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