बीजापुर के गंगालूर क्षेत्र में नक्सलियों और डीआरजी के बीच मुठभेड़, दो जवान घायल

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के नक्सल प्रभावित गंगालूर क्षेत्र में मंगलवार सुबह से जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ जारी है। यह मुठभेड़ नक्सल विरोधी अभियान के तहत शुरू हुई, जो सोमवार को ही प्रारंभ हुआ था। अभियान का उद्देश्य क्षेत्र में सक्रिय नक्सलियों के ठिकानों की खोजबीन और उनकी गतिविधियों पर अंकुश लगाना था। 

Aug 12, 2025 - 11:47
Aug 12, 2025 - 18:30
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बीजापुर के गंगालूर क्षेत्र में नक्सलियों और डीआरजी के बीच मुठभेड़, दो जवान घायल

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के नक्सल प्रभावित गंगालूर क्षेत्र में मंगलवार सुबह से जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ जारी है। यह मुठभेड़ नक्सल विरोधी अभियान के तहत शुरू हुई, जो सोमवार को ही प्रारंभ हुआ था। अभियान का उद्देश्य क्षेत्र में सक्रिय नक्सलियों के ठिकानों की खोजबीन और उनकी गतिविधियों पर अंकुश लगाना था। 

नक्सलियों के बीच रुक-रुक कर गोलीबारी 

सूत्रों के अनुसार, सोमवार को अभियान शुरू होने के बाद से ही सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच रुक-रुक कर गोलीबारी होती रही है। मंगलवार की सुबह यह गोलीबारी और तेज हो गई, जिसके चलते इलाके में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। स्थानीय ग्रामीणों को सुरक्षा के मद्देनजर सतर्क किया गया है और उन्हें अभियान क्षेत्र से दूर रहने की हिदायत दी गई है। 

जवानों को केवल मामूली चोटें आई

इस मुठभेड़ में डीआरजी के दो जवान घायल हो गए हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दोनों जवानों को केवल मामूली चोटें आई हैं और वे पूरी तरह खतरे से बाहर हैं। घायल जवानों को मौके पर ही प्राथमिक उपचार दिया गया और बाद में उन्हें बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए रायपुर रेफर कर दिया गया। रायपुर के चिकित्सकों ने भी उनकी स्थिति को स्थिर बताया है।

जवाबी कार्रवाई में कई नक्सलियों के घायल होने की संभावना

पुलिस का कहना है कि सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई में कई नक्सलियों के घायल होने की संभावना है, हालांकि अभी तक इस संबंध में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। नक्सली अक्सर अपने घायल साथियों को जंगल के भीतर ले जाकर उनका इलाज करते हैं, जिससे उनके हताहत होने की सटीक जानकारी तुरंत प्राप्त नहीं हो पाती।गंगालूर क्षेत्र लंबे समय से नक्सली गतिविधियों का गढ़ माना जाता है। घने जंगल और दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियां नक्सलियों को छिपने और हमले करने के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करती हैं। डीआरजी, एसटीएफ और कोबरा जैसी विशेष बल इकाइयाँ इन इलाकों में नियमित रूप से अभियान चलाती हैं। बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा जिले पिछले कई वर्षों से नक्सल हिंसा के केंद्र रहे हैं, जहाँ कई बार बड़े हमले भी हुए हैं।

नक्सलियों को भागने का मौका नहीं 

इस अभियान के दौरान सुरक्षा बल पूरी सावधानी बरत रहे हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इलाके की नाकाबंदी की गई है ताकि नक्सलियों को भागने का मौका न मिल सके। इसके अलावा, ड्रोन और अन्य निगरानी उपकरणों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे जंगल के भीतर की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके।स्थानीय प्रशासन ने ग्रामीणों से सहयोग की अपील की है और उन्हें भरोसा दिलाया है कि अभियान के दौरान उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। अधिकारियों ने यह भी कहा कि मुठभेड़ के समापन के बाद पूरे घटनाक्रम का विस्तृत विवरण जारी किया जाएगा, जिसमें अभियान की सफलता, बरामद हथियार और अन्य साक्ष्यों की जानकारी शामिल होगी।

फिलहाल, बीजापुर के गंगालूर क्षेत्र में सुरक्षा बलों का अभियान जारी है और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि यह कार्रवाई क्षेत्र में नक्सलियों के नेटवर्क को कमजोर करने और उनकी भविष्य की योजनाओं को विफल करने में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।

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