डॉ. अमित अग्रवाल को मिली कमिश्नर एंड सेक्रेटरी डीजीआईपीआर की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी
हरियाणा के सीनियर आईएएस अधिकारी डॉ. अमित अग्रवाल को कमिश्नर एंड सैक्ट्री हरियाणा सरकार सूचना,जन संपर्क तथा भाषा व संस्कृति विभाग की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है।
चंद्रशेखर धरणी, चंडीगढ़ : हरियाणा के सीनियर आईएएस अधिकारी डॉ. अमित अग्रवाल को कमिश्नर एंड सैक्ट्री हरियाणा सरकार सूचना,जन संपर्क तथा भाषा व संस्कृति विभाग की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है। इससे पहले डॉक्टर अग्रवाल डीजीआईपी आर हरियाणा के रूप में एक सफल व बेहतरीन भूमिका भी निभा चुके है। अब नई जिम्मेदारियों में उन्हें लोक संपर्क विभाग के साथ पंचायत विभाग व फौरन कार्पोरेशन के कमिश्नर एंड सेक्ट्री की भी जिम्मेदारी दी गई है।
मेहनत,लग्न व सार्थक परिणाम देने के जज्बे के चलते डॉक्टर अमित अग्रवाल मुख्यमंत्री मनोहर लाल व नायब सिंह सैनी की विश्वसनीय टीम का लंबे समय तक अहम हिस्सा बने रहे हैं। हरियाणा सरकार में आईएएस अमित कुमार अग्रवाल की गिनती मेहनती,कर्मठ व साकारात्मक अधिकारियों में होती है। अग्रवाल को मुख्यमंत्री मनोहर लाल के अतिरिक्त प्रधान सचिव-1,हरियाणा जन संपर्क एवं भाषा विभाग के डायरेक्टर जरनल जैसे महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी मिली हुई थी। वह नायब सैनी पार्ट 1 व पार्ट दो में भी सीएम के एडिशनल प्रिंसिपल सैक्ट्री रहे।अमित राज्यपाल के सचिव, आबकारी एवं कराधान विभाग के आयुक्त व शहरी स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक का जिम्मा संभाल चुके हैं। गुरुग्राम में असिस्टेंट कमिश्नर, हिसार में एसडीएम, पानीपत में एडीसी, फरीदाबाद में हूड्डा प्रशासक, यमुनानगर, हिसार, पलवल, रोहतक और फरीदाबाद में उपायुक्त भी रहे।
मूल रूप से जयपुर के निवासी डॉ. अमित कुमार अग्रवाल ने वहीं के एसएमएस मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की। पर न तो प्राइवेट और न ही सरकारी किसी भी स्तर पर डॉक्टर के तौर पर प्रेक्टिस की। इन्हें चैलेंजिंग काम करना पसंद था और वह आईएएस की तैयारी में जुट गया और इन्होंने अपने टारगेट को एचीव किया। डॉ. अमित कुमार अग्रवाल का कहना है कि चैलेंजिंग काम करने के लिए एमबीबीएस हो जाने के बावजूद आईएएस में आए।
डॉक्टर अमित अग्रवाल की पत्नी सोनल, कम्प्यूटर इंजीनियर है। उनके दो बच्चे सान्वी और अद्वित है। प्रेरणा किस्से मिली में यह कहते हैं कि किसी एक का नाम तो नहीं ले सकता लेकिन जैसे इन दिनों डॉ. केके अग्रवाल काम कर रहे थे और कोरोना से निपटने के लिए आखिरी दम तक प्रेरित कर रहे थे, वह बहुत प्रभाव छोड़ गए । ऐसे ही कोई भी व्यक्ति चाहे सरकारी उच्च पद पर हो या किसी छोटे पद पर अपने काम से आपको प्रेरित या प्रभावित कर सकता है तो प्रेरणा ले लेनी चाहिए । यहां से अच्छा उदाहरण मिले ले लेना चाहिए।
इनके हिसार कार्य काल के दौरान अढ़ाई साल में सबसे बड़ा मिर्चपुर कांड काफी चुनोतियों से भरा रहॉ। यह मानते हैं कि पर्यटन की बहुत संभावनाएं हिसार में हैं। हांसी व हिसार यहां पर्यटन के दृष्टिकोण से हिसार के गूजरी महल में बडाली बर्दर्ज का कार्यक्रम आयोजित करवाया था ताकि लोग इससे जुड़ें। राखी गढ़ी भी विश्व पटल पर आ चुका है। इनकी मूल रूपरेखा इन्होंने अपने समय में ही बनाईं। डॉक्टर अमित अग्रवाल फोटोग्राफी में विशेष शोंक रखते हैं। यह मानते हैं कि अब तो डिजिटल का जमाना आ गया। यह आईएएस की जॉब को कैसे मानते हैं ? पर कहते हैं कि देखिए अंग्रजों के समय इस पद का नाम था कलेक्टर। यानी सिर्फ लगान वसूल करने वाला मुख्य अधिकारी जबकि स्वतंत्र भारत में यह बड़ी जिम्मेदारी है जनसेवा की । यह कहते है कि वह खुद को सौभाग्यशाली समझता है कि इस सेवा के लिए चुना गया और अपनी ओर से भरसक काम करता हूं। डॉक्टर अमित अग्रवाल ने कोविड लॉक डाउन व उसके बाद भी चुनौती पूर्ण भूमिकाएं निभाई।
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