Delhi Pollution : फिर जहरीली हुई दिल्ली की हवा, आज का AQI 325 के पार..

दिल्ली में सोमवार सुबह 267 से 325 के बीच वायु गुणवत्ता सूचकांक दर्ज किया गया है। जहरीली धुंध की चादर दिल्ली के आसमान में छाई हुई है।

Dec 1, 2025 - 11:01
Dec 1, 2025 - 11:49
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Delhi Pollution : फिर जहरीली हुई दिल्ली की हवा, आज का AQI 325 के पार..
Delhi AQI

राजधानी दिल्ली इन दिनों घातक धुंध की चपेट में है। इंडिया गेट और कर्तव्य पथ जैसे प्रमुख स्थानों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 267 दर्ज किया गया, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है। वहीं आनंद विहार और आईटीओ जैसे इलाकों में हवा की स्थिति और भी चिंताजनक है, जहाँ AQI 325 के पार पहुँच गया और ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की रिपोर्ट बताती है कि इन इलाकों पर जहरीली धुंध की मोटी परत छाई हुई है। ताज़ा मापों के अनुसार, दिल्ली के कई हिस्सों में वायु गुणवत्ता लगातार खतरनाक स्तर पर बनी हुई है।

24 दिन बाद हवा में मामूली सुधार

लगातार 24 दिनों तक AQI 350 से ऊपर रहने के बाद रविवार को राजधानी की हवा ने कुछ राहत दी। एक्यूआई गिरकर 279 पर पहुंचा, जो ‘बहुत खराब’ से ‘खराब’ श्रेणी में आता है।

एनसीआर में भी कुछ इसी तरह की स्थिति देखने को मिली। नोएडा में AQI 279, ग्रेटर नोएडा में 268, गाज़ियाबाद में 256 और गुरुग्राम में 245 दर्ज किया गया। फरीदाबाद की हवा अपेक्षाकृत बेहतर रही, जहां AQI 176 दर्ज किया गया, जो ‘मध्यम’ श्रेणी में माना जाता है।

प्रदूषण के स्रोत

दिल्ली में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के निर्णय सहायता प्रणाली के आंकड़ों के अनुसार-

  • वाहनों से होने वाला प्रदूषण: 18.614%

  • पराली जलाने का योगदान: 0.967%

  • निर्माण कार्यों से प्रदूषण: 2.805%

  • पेरिफेरल उद्योगों का योगदान: 3.679%

  • आवासीय गतिविधियों की हिस्सेदारी: 4.574%

रविवार को उत्तर-पश्चिम दिशा से लगभग 5 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएँ चलीं। अधिकतम मिश्रण ऊँचाई लगभग 1000 मीटर रही, जबकि वेंटिलेशन इंडेक्स 7000 मी²/सेकेंड दर्ज किया गया। दोपहर 4 बजे हवा में PM10 का स्तर 224.7 माइक्रोग्राम/क्यूबिक मीटर और PM2.5 का स्तर 119.1 माइक्रोग्राम/क्यूबिक मीटर पाया गया।

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सीपीसीबी के पूर्वानुमान के अनुसार, सोमवार तक हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी रह सकती है। इससे अस्थमा और सांस की बीमारी से जूझ रहे मरीजों को समस्याएँ बढ़ेंगी, साथ ही लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

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