Delhi Blast : 3 बेडरूम का घर बना खौफ का अड्डा, आतंकी डॉ. मुजम्मिल के दो और ठिकाने उजागर
दिल्ली बम धमाकों की जांच कर रही NIA को फरीदाबाद में अल फलाह यूनिवर्सिटी के आतंकवादी डॉ. मुजम्मिल शकील के दो और ठिकानों का पता चला है। उसने खेतों के पास विस्फोटक छिपा रखे थे।
फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े आतंकी डॉक्टर मुजम्मिल शकील के दो और छिपे हुए ठिकानों का खुलासा हुआ है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को पता चला है कि उसने पूर्व सरपंच से तीन कमरों वाला मकान किराये पर लिया था और कश्मीरी फल कारोबार का बहाना बनाकर वहां आवाजाही करता था। वह अक्सर इस जगह पर डॉक्टर शाहीन सईद के साथ पहुंचा करता था।
जांच एजेंसी ने यह भी पता लगाया है कि दिल्ली ब्लास्ट केस से जुड़े आतंकी मॉड्यूल ने कुछ समय तक अमोनियम नाइट्रेट और अन्य विस्फोटक सामग्री यूनिवर्सिटी से मात्र 4 किलोमीटर दूर खेतों में बने एक कमरे में छिपा कर रखा था। बाद में पकड़े जाने के डर से इसे वहां से हटाकर फतेहपुर तगा में इमाम इश्तियाक के पुराने मकान में शिफ्ट कर दिया गया। यही तैयार विस्फोटक आगे चलकर दिल्ली विस्फोट में इस्तेमाल किया गया।
खेतों में छिपा रहा 2540 किलो विस्फोटक
करीब 2540 किलो विस्फोटक सामग्री लगभग 12 दिनों तक अल-फलाह यूनिवर्सिटी से सटे खेतों में बने कमरे में रखी रही। सोमवार रात NIA टीम मुजम्मिल को निशानदेही के लिए इन स्थानों पर लेकर गई, जहां गांव के पूर्व सरपंच जुम्मा ने उसे पहचान भी लिया। जांच में यह निकलकर आया है कि मुजम्मिल ने फतेहपुर तगा और धौज के अलावा खोरी जमालपुर गांव में भी एक ठिकाना किराये पर ले रखा था। यह मकान पूर्व सरपंच जुम्मा का है, जिसकी प्लास्टिक रॉ मटेरियल फैक्ट्री के ऊपर ये कमरे बने हुए हैं।
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‘फलों के कारोबार’ का झांसा देकर लिया कमरा
जुम्मा के अनुसार, डॉक्टर मुजम्मिल ने उनसे कहा था कि वह कश्मीर से फल मंगवाकर स्थानीय बाजार में सप्लाई करना चाहता है, जिसके लिए उसे बड़ी जगह की आवश्यकता है। इसी बहाने उसने तीन बेडरूम, किचन और हॉल वाला घर 8,000 रुपये महीना किराए पर ले लिया। लगभग ढाई महीने बाद उसने यह कहकर कमरा खाली कर दिया कि गर्मी बहुत अधिक है। NIA ने अपनी जांच में पाया कि डॉक्टर मुजम्मिल ने अप्रैल 2025 से जुलाई 2025 तक यह मकान किराये पर रखा था। इसी दौरान वह यहां कई बार डॉक्टर शाहीन के साथ आता-जाता रहा और इसी अवधि में विस्फोटक छिपाने-शिफ्ट करने की गतिविधियां भी हुईं।
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