यूरोप के एयरपोर्ट्स पर साइबर अटैक का कहर, हजारों यात्री फंसे
शनिवार 20 सितंबर को यूरोप के कई प्रमुख एयरपोर्ट्स पर अफरातफरी मच गई। कारण था एक बड़ा साइबर अटैक, जिसने एयरपोर्ट्स के चेक-इन और बोर्डिंग सिस्टम को ठप कर दिया
20 सितंबर को यूरोप के कई बड़े हवाई अड्डों पर अफरातफरी मच गई जब एक संगठित साइबर अटैक के कारण एयरपोर्ट्स के चेक-इन और बोर्डिंग सिस्टम ठप पड़ गए। इस साइबर हमले का सबसे ज्यादा असर लंदन के हीथ्रो, ब्रसेल्स, और बर्लिन एयरपोर्ट्स पर देखा गया, जहां हजारों यात्री फंसे रह गए और कई उड़ानों को रद्द करना पड़ा।
कॉलींस एयरोस्पेस बनी साइबर हमले का मुख्य निशाना
इस हमले में सबसे ज्यादा प्रभावित हुई कॉलींस एयरोस्पेस, जो दुनिया भर की एयरलाइनों और एयरपोर्ट्स को डिजिटल चेक-इन और बोर्डिंग सुविधाएं प्रदान करती है। कंपनी ने पुष्टि की कि यह समस्या साइबर अटैक के कारण हुई है और उनकी तकनीकी टीम इसे ठीक करने में जुटी हुई है।
हीथ्रो और ब्रसेल्स एयरपोर्ट्स पर यात्रियों को भारी परेशानी
हीथ्रो एयरपोर्ट ने यात्रियों को पहले ही चेतावनी जारी करते हुए कहा कि उड़ानों में देरी और रद्द होने की संभावना है, और सभी से अपनी फ्लाइट की जानकारी अपडेट रखने को कहा। वहीं ब्रसेल्स एयरपोर्ट पर ऑटोमैटिक सिस्टम पूरी तरह फेल हो गया, जिससे कर्मचारियों को मैनुअली प्रक्रिया को संभालना पड़ा। इस कारण लंबी कतारें लग गईं और कई उड़ानें रद्द करनी पड़ीं।
कुछ एयरपोर्ट्स पर स्थिति सामान्य
हालांकि सभी जगह हालात इतने खराब नहीं रहे। फ्रैंकफर्ट और ज्यूरिख एयरपोर्ट्स ने जानकारी दी कि उनके यहां संचालन सामान्य है और साइबर हमले का कोई असर नहीं हुआ। वहीं, पोलैंड के उप प्रधानमंत्री और डिजिटल मामलों के मंत्री, क्रिज़्स्टोफ गव्कोव्स्की ने भरोसा दिलाया कि उनके देश के हवाई अड्डे पूरी तरह सुरक्षित हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यूरोप में बने हालात पर करीबी नजर रखी जा रही है और अन्य देशों से संपर्क और सहयोग जारी है।
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