दिल्ली चुनाव में कांग्रेस का सूपड़ा साफ, 70 में से 67 प्रत्याशियों की जमानत जब्त
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों ने कांग्रेस के लिए एक बार फिर निराशा की तस्वीर खींच दी है। 70 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस लगातार तीसरी बार खाता खोलने में नाकाम रही है।

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों ने कांग्रेस के लिए एक बार फिर निराशा हाथ लगी है। 70 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस लगातार तीसरी बार खाता खोलने में नाकाम रही है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि कांग्रेस के 70 में से 67 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। हालांकि, पार्टी के वोट शेयर में 2.1% का मामूली सुधार देखने को मिला है, लेकिन यह नतीजे कांग्रेस के दिल्ली में वापसी की उम्मीदों पर सवाल खड़े करते हैं।
बड़े नेताओं को भी मिली करारी हार
दिल्ली में कांग्रेस के कई प्रमुख नेता भी इस बार करारी हार का सामना करने से नहीं बच सके। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री उम्मीद लगाए बैठे थे कि कांग्रेस इस बार कुछ सीटें जीतने में सफल रहेगी, लेकिन नतीजों ने एक अलग ही कहानी बयां की।नई दिल्ली सीट से दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित से लेकर कालकाजी से अलका लांबा को हार का मुंह देखना पड़ा। पार्टी की कमजोर चुनावी रणनीति, जमीनी कार्यकर्ताओं का अभाव और मतदाताओं से जुड़ने में नाकामी जैसे कारण कांग्रेस की इस दुर्दशा के मुख्य कारण माने जा रहे हैं।
कांग्रेस का दावा: 2030 में बनाएंगे सरकार
इतनी करारी हार के बावजूद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभी भी आशान्वित नजर आ रहे हैं। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने दावा किया है कि कांग्रेस 2030 तक दिल्ली में अपनी सरकार बनाएगी। उन्होंने कहा, "हम लोगों के विश्वास को फिर से जीतेंगे और आगामी चुनावों में मजबूती से वापसी करेंगे। हमें स्वीकार करना होगा कि हमने कुछ गलतियां की हैं, लेकिन हमें पूरा विश्वास है कि दिल्ली में कांग्रेस का स्वर्ण युग वापस आएगा।"
भविष्य की रणनीति पर जोर
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि पार्टी अब जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने और जनता के मुद्दों पर ज्यादा ध्यान देने की रणनीति अपनाएगी। दिल्ली में आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच सीधी लड़ाई होने के कारण कांग्रेस हाशिए पर चली गई थी। लेकिन पार्टी अब पूरी तैयारी के साथ अपने कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने और मतदाताओं तक अपनी नीतियों को पहुंचाने का प्रयास करेगी।
क्या कांग्रेस कर पाएगी वापसी?
दिल्ली में कांग्रेस की वापसी इतनी आसान नहीं होगी। लगातार तीन चुनावों में शून्य सीटें मिलना यह दर्शाता है कि पार्टी को अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव करना होगा। भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच कड़ी टक्कर के बीच कांग्रेस के लिए अपनी खोई हुई जमीन को वापस पाना एक बड़ी चुनौती होगी। हालांकि, पार्टी का दावा है कि वह 2030 में वापसी करेगी, लेकिन इसके लिए उसे जमीनी स्तर पर बहुत मेहनत करनी होगी।
अब यह देखने वाली बात होगी कि कांग्रेस अपनी रणनीति में क्या बदलाव करती है और आगामी चुनावों में किस तरह प्रदर्शन करती है। फिलहाल, दिल्ली की राजनीति में कांग्रेस की हालत चिंताजनक बनी हुई है।
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