उत्तर भारत में शीतलहर का कहर, भारी बर्फबारी के बाद क्या है हाल ?
दिल्ली में सर्दी का प्रकोप अपने चरम पर पहुंच चुका है। राजधानी में तापमान लगातार गिर रहा है, जिससे शीतलहर का प्रभाव और अधिक गंभीर हो गया है। ठंड से बचने के लिए लोग विभिन्न उपाय कर रहे हैं, जिसमें अलाव जलाना सबसे प्रमुख है।
दिल्ली में सर्दी का प्रकोप अपने चरम पर पहुंच चुका है। राजधानी में तापमान लगातार गिर रहा है, जिससे शीतलहर का प्रभाव और अधिक गंभीर हो गया है। ठंड से बचने के लिए लोग विभिन्न उपाय कर रहे हैं, जिसमें अलाव जलाना सबसे प्रमुख है।
तापमान में गिरावट से जनजीवन प्रभावित
मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली में न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे दर्ज किया गया है। हाल के दिनों में रात का तापमान 5-6 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है, जिससे सर्द हवाओं के साथ ठिठुरन और बढ़ गई है। दिन के समय भी अधिकतम तापमान सामान्य से नीचे बना हुआ है, जिसके चलते लोग दिनभर गर्म कपड़ों और हीटर का सहारा ले रहे हैं।
शीतलहर का असर
दिल्ली में शीतलहर के कारण जनजीवन पर व्यापक प्रभाव पड़ा है।
- सड़कों पर असर: सुबह और रात के समय कोहरे के कारण दृश्यता कम हो रही है, जिससे ट्रैफिक प्रभावित हुआ है।
- जरूरतमंदों की स्थिति: गरीब और बेघर लोग ठंड से सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। सड़कों पर रहने वाले लोगों को राहत देने के लिए सरकार और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा रैन बसेरों और कंबल वितरण की व्यवस्था की जा रही है।
- स्कूलों पर असर: बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कुछ स्कूलों ने अपने समय में बदलाव किया है।
अलाव बने ठंड से राहत का सहारा
दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में लोग अलाव का सहारा लेकर ठंड से राहत पाने की कोशिश कर रहे हैं। खासतौर पर रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों और झुग्गी-झोपड़ी क्षेत्रों में अलाव जलाने का दृश्य आम हो गया है। सामुदायिक स्तर पर लोग एकत्र होकर अलाव के आसपास बैठकर ठंड से बचने का प्रयास कर रहे हैं। सकता है।
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