छत्तीसगढ़ को लॉजिस्टिक हब बनाने की मंजूरी, इन किसानों को बोनस
खरीफ 2024 में पंजीकृत जिन किसानों ने धान की फसल लगाई थी और समर्थन मूल्य पर धान बेचा था, यदि वे खरीफ 2025 में धान फसल के स्थान पर दलहन, तिलहन, मक्का आदि की खेती करते हैं, तो उन्हें भी कृषक उन्नति योजना के तहत आदान सहायता प्रदान की जाएगी।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में सोमवार को मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इस बैठक में मंत्रिपरिषद ने किसानों के हित में बड़ा फैसला लिया है। प्रचलित निर्देशों में संशोधन कर कृषक उन्नति योजना का दायरा और बढ़ा दिया गया है। अब इस योजना का लाभ खरीफ 2025 में धान उत्पादक किसानों के साथ-साथ पंजीकृत धान फसल के स्थान पर दलहन, तिलहन, मक्का आदि लगाने वाले किसानों को भी मिलेगा।
खरीफ 2024 में पंजीकृत जिन किसानों ने धान की फसल लगाई थी और समर्थन मूल्य पर धान बेचा था, यदि वे खरीफ 2025 में धान फसल के स्थान पर दलहन, तिलहन, मक्का आदि की खेती करते हैं, तो उन्हें भी कृषक उन्नति योजना के तहत आदान सहायता प्रदान की जाएगी।
पेंशन भुगतान पर बड़ा फैसला
साथ ही मंत्रिपरिषद ने छत्तीसगढ़ सरकार के अधिकारियों और कर्मचारियों के हित में महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए भविष्य में सेवानिवृत्ति के समय पेंशन भुगतान दायित्वों के बेहतर वित्तीय प्रबंधन के लिए इसके गठन, प्रबंधन और विनियमन के संबंध में छत्तीसगढ़ पेंशन निधि विधेयक-2025 के प्रारूप को मंजूरी दी।
आर्थिक विकास और राजकोषीय स्थिरता
साथ ही, मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य के दीर्घकालिक आर्थिक विकास और राजकोषीय स्थिरता को सुनिश्चित करने के लिए इसके गठन, प्रबंधन और विनियमन के संबंध में छत्तीसगढ़ वृद्धि और स्थिरता निधि विधेयक-2025 के प्रारूप को मंजूरी दी गई। इससे राज्य के राजस्व में असामान्य वृद्धि और कमी का समुचित प्रबंधन हो सकेगा और आर्थिक मंदी के दौर में वित्तीय सुरक्षा मिलेगी।
लॉजिस्टिक्स क्षेत्र का विकास
मंत्रिपरिषद ने राज्य में लॉजिस्टिक्स क्षेत्र के समग्र विकास के लिए छत्तीसगढ़ राज्य लॉजिस्टिक्स नीति-2025 के प्रारूप को मंजूरी दी। इस नीति से छत्तीसगढ़ राज्य लॉजिस्टिक्स हब के रूप में विकसित होगा और निर्यात अधोसंरचना को मजबूती मिलेगी।
राज्य की भौगोलिक स्थिति का लाभ उठाते हुए लॉजिस्टिक क्षेत्र और ई-कॉमर्स की राष्ट्रीय और बहुराष्ट्रीय कंपनियों को लॉजिस्टिक हब स्थापित करने में निवेश के लिए आकर्षित किया जाएगा। इससे राज्य की भंडारण क्षमता में वृद्धि होगी, जिससे राज्य के उद्योगों, व्यापारियों और किसानों को सस्ते भंडारण की सुविधा मिलेगी। राज्य में लॉजिस्टिक की लागत में कमी आने से व्यापार, निवेश और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
निर्यात के लिए इको सिस्टम तैयार
इस नीति के माध्यम से शुष्क बंदरगाहों, अंतर्देशीय कंटेनर डिपो की स्थापना को प्रोत्साहित करने से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों और स्थानीय उत्पादकों को निर्यात बाजारों तक पहुंचने का अवसर मिलेगा। राज्य की प्रचुर वन संपदा, वनोपज और वनौषधि उत्पादों के निर्यात के लिए इको सिस्टम तैयार किया जाएगा। यह नीति राज्य के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करने के साथ ही राज्य को लॉजिस्टिक और निर्यात क्षेत्र में अग्रणी भूमिका में स्थापित करेगी।
एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए मंत्रिपरिषद ने राज्य के कुछ कानूनों के प्रावधानों को अपराध मुक्त करने के लिए छत्तीसगढ़ जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक-2025 के प्रारूप को मंजूरी दी। इस जन विश्वास विधेयक से व्यवसाय और जीवन यापन में आसानी बढ़ेगी। अनावश्यक न्यायालयीन प्रकरणों और उनमें होने वाले व्यय में कमी आएगी।
7 योजनाएं स्वीकृत
इसके अलावा मंत्रिपरिषद ने राज्य के विभिन्न विभागों, निगमों, मंडलों, कम्पनियों, बोर्ड के पूर्व से निर्मित एवं जीर्ण-शीर्ण भवनों तथा उनके स्वामित्व की अनुपयोगी शासकीय भूमि के व्यवस्थित विकास एवं समुचित उपयोग के लिए पुनर्विकास योजना के अंतर्गत 7 योजनाओं को मंजूरी दी है। इनमें शांति नगर रायपुर, बीटीआई शंकर नगर रायपुर, कैलाश नगर राजनांदगांव, चांदनी चौक फेस-2 जगदलपुर, सिविल लाइन कांकेर, क्लब पारा महासमुंद, कटघोरा कोरबा शामिल हैं।
साथ ही वाणिज्यिक कर (पंजीयन) विभाग के अंतर्गत उच्च श्रेणी पंजीयन लिपिक, अभिलेखपाल से तृतीय श्रेणी कार्यपालिक, उप पंजीयक के पद पर पदोन्नति के लिए निर्धारित न्यूनतम अर्हकारी सेवा पांच वर्ष के स्थान पर एक बार के लिए दो वर्ष की न्यूनतम अर्हकारी सेवा निर्धारित करने का निर्णय लिया गया।
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