Chandigarh : नगर निगम को सुप्रीम कोर्ट का निर्देश, अगले 48 घंटे में हटाए जाएं अवैध वेंडर्स
सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ में बढ़ते अतिक्रमण और अवैध वेंडिंग पर सख्त रुख अपनाया है। अदालत ने आदेश दिया है कि जिन वेंडरों के पास अनुमति नहीं है या जो अनधिकृत स्थानों पर बैठे हैं, उन्हें तुरंत हटाया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ में बढ़ते अतिक्रमण और अवैध वेंडिंग पर सख्त रुख अपनाया है। अदालत ने आदेश दिया है कि जिन वेंडरों के पास अनुमति नहीं है या जो अनधिकृत स्थानों पर बैठे हैं, उन्हें तुरंत हटाया जाए। वहीं, जिन वेंडरों को पहले से वेंडिंग जोन में स्थान आवंटित किया गया है, लेकिन वे किसी अन्य सेक्टर या बाजार में दुकान चला रहे हैं, उन्हें 48 घंटे के भीतर अपने आवंटित वेंडिंग जोन में लौटने के निर्देश दिए गए हैं।
वेंडिंग आवंटन न मिलने वालों पर भी फैसला जल्द
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि जिन वेंडरों को अब तक स्थान आवंटित नहीं हुआ है, उनके मामलों में संबंधित प्राधिकरण स्ट्रीट वेंडर्स प्रोटेक्शन ऑफ लिवलीहुड एंड रेगुलेशन ऑफ स्ट्रीट वेंडिंग एक्ट, 2014 के प्रावधानों के तहत निर्णय लें। अदालत ने चंडीगढ़ प्रशासन और नगर निगम को आदेश दिया है कि वे अतिक्रमण हटाने के लिए विशेष अभियान चलाएं और 18 दिसंबर तक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करें। इस मामले की अगली सुनवाई 17 दिसंबर को होगी।
मनीमाजरा व्यापार मंडल की याचिका पर आया फैसला
यह आदेश मनीमाजरा व्यापार मंडल के अध्यक्ष मलकीत सिंह और अन्य की ओर से दायर याचिका पर आया है। याचिका में कहा गया था कि बाजारों, सड़कों और फुटपाथों पर बढ़ती अवैध वेंडिंग और अतिक्रमण लोगों और व्यापारियों के लिए गंभीर परेशानी का कारण बन रहे हैं। इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति नोंगमीकापम कोटेश्वर सिंह की पीठ ने की।
शहर में शुरू हुआ अतिक्रमण विरोधी अभियान
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चंडीगढ़ नगर निगम और प्रशासन ने अतिक्रमण विरोधी अभियान की शुरुआत कर दी है। बुधवार से शहर के प्रमुख बाजारों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में व्यापक स्तर पर अवैध वेंडरों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इस अभियान के लिए 11 विशेष टीमें गठित की गई हैं, जिनमें 100 से अधिक अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस को भी सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। जब्त किए गए सामान को नजदीकी कम्युनिटी सेंटरों में रखा जा रहा है ताकि अभियान निर्बाध रूप से जारी रह सके।
48 घंटे में न लौटने वालों पर होगी कानूनी कार्रवाई
नगर निगम ने साफ कर दिया है कि जो वेंडर 48 घंटे के भीतर अपने आवंटित वेंडिंग जोन में नहीं लौटेंगे, उनके खिलाफ जबरन कार्रवाई की जाएगी। ऐसे वेंडरों को न केवल हटाया जाएगा, बल्कि उनके खिलाफ कानूनी कदम भी उठाए जाएंगे। निगम ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिन वेंडरों के पास किसी विशेष सेक्टर का लाइसेंस है, वे अन्य स्थानों पर दुकान नहीं चला सकेंगे और उन्हें निर्धारित समयसीमा में अपने मूल वेंडिंग जोन में लौटना अनिवार्य होगा।
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