कैबिनेट मंत्री डॉ. बलबीर सिंह का बड़ा बयान, पंजाब के खुशहाल भविष्य और नशा-मुक्ति की दिशा में प्रयास
कैबिनेट मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने पंजाब की खुशहाली और विकास के लिए व्यापक नीतियों और रणनीतियों पर विचार रखते हुए, राज्य को नशा-मुक्त और समृद्ध बनाने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।
कैबिनेट मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने पंजाब की खुशहाली और विकास के लिए व्यापक नीतियों और रणनीतियों पर विचार रखते हुए, राज्य को नशा-मुक्त और समृद्ध बनाने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा कि देश-प्रदेश के साथ-साथ विदेश में रहने वाले पंजाबी भी पंजाब को खुशहाल देखना चाहते हैं। पंजाब की खुशहाली और समृद्धि के लिए राज्य में हंसता-खेलता, शुद्ध भोजन, शुद्ध हवा और शुद्ध पानी मुहैया कराने के प्रयास किए जा रहे हैं।
पंजाब को बर्बादी से बचाने के प्रयास
डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि कुछ ताकतें पंजाब को तोड़ने और राज्य को सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर करने की कोशिश कर रही हैं। पंजाब में नशे का प्रचलन बढ़ाकर यहाँ की नई पीढ़ी को बर्बाद करने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब के लोग इन नकारात्मक ताकतों के खिलाफ एकजुट होंगे और इस जंग में जीत हासिल करेंगे। राज्य के युवाओं, किसानों, मजदूरों और उद्योगपतियों को उन्नत बनाने और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए सरकार कई तरह की नई नीतियों पर चर्चा कर रही है।
नशा-मुक्ति के लिए नई नीति और सामाजिक भागीदारी
डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि पंजाब में ड्रग एडिक्शन को डीक्रिमिनलाइज करने के लिए एक नई नीति जल्द ही लागू की जाएगी। इसके तहत, नशे के आदी लोगों को जेल भेजने के बजाय ड्रग एडिक्शन सेंटर भेजा जाएगा, ताकि उनका पुनर्वास हो सके। यह नीति नशे के खिलाफ राज्य के अभियान को सशक्त करेगी और नशे के आदी लोगों को एक नई शुरुआत का अवसर देगी। डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि इस अभियान में समाज की भागीदारी भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
ड्रग एडिक्शन सेंटर में नशे के आदी व्यक्तियों को विभिन्न प्रकार के कौशल सिखाए जाएंगे ताकि उनका परिवेश बदले और वे फिर से नशे की ओर न मुड़ें। इस पहल का उद्देश्य न केवल नशे के आदी लोगों का इलाज करना है, बल्कि उन्हें समाज का सशक्त और सकारात्मक सदस्य बनाना भी है।
शहीद भगत सिंह के प्रति सम्मान और इतिहास का महत्व
डॉ. बलबीर सिंह ने शहीद भगत सिंह का उदाहरण देते हुए कहा कि जब भगत सिंह अंग्रेजों के खिलाफ लड़ रहे थे, तब कुछ लोग उनके खिलाफ गवाही देने के लिए अंग्रेजों के साथ मिल गए थे। आज भी पाकिस्तान में ऐसे लोग हैं, जो अंग्रेजों के समर्थक थे और भगत सिंह के प्रति द्वेष रखते हैं।
हालांकि, पाकिस्तान में बहुसंख्यक लोग आज भी भगत सिंह को आदर्श मानते हैं और चाहते हैं कि शाहजमां चौक का नाम शहीद भगत सिंह के नाम पर रखा जाए। डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि भगत सिंह को किसी पाकिस्तानी के सर्टिफिकेट की आवश्यकता नहीं है। वह शहीद भगत सिंह के लिए सम्मान की बात करते हुए कहा कि कोई भी ऐसा बयान, जो पाकिस्तान आर्मी या अंग्रेजों के सहयोगियों से आए, उसका कोई महत्व नहीं है।
उपचुनाव को लेकर विश्वास
डॉ. बलबीर सिंह ने उपचुनावों को लेकर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि इतिहास खुद को दोहराता है, और यह बात पंजाब के चुनावी परिदृश्य में भी लागू होती है। उदाहरण के लिए, अमृतसर में पहले भी कई बड़े नेता आपस में उलझते रहे और इसी बीच उनकी पार्टी ने सीट निकाल ली। उन्होंने विश्वास जताया कि गिद्दड़बाहा में भी ऐसा ही होगा और उनकी पार्टी एक बार फिर जीत हासिल करेगी।
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