CM योगी ISRO की इस सफलता से हुए खुश, बोले- भारत के लिए गर्व का क्षण

CM योगी आदित्यनाथ ने इसरो को इस सफलता पर बधाई दी है। सोशल मीडिया साइट एक्स पर सीएम ने लिखा- ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए इसरो टीम को बधाई!

Jan 16, 2025 - 13:08
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CM योगी ISRO की इस सफलता से हुए खुश, बोले- भारत के लिए गर्व का क्षण
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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने गुरुवार को 'स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट' (स्पेडेक्स) के तहत उपग्रहों को सफलतापूर्वक डॉक किया। इसरो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "भारत ने अंतरिक्ष इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया है। सुप्रभात भारत, इसरो के स्पेडेक्स मिशन ने 'डॉकिंग' में ऐतिहासिक सफलता हासिल की है। इस पल का गवाह बनना गर्व का क्षण है।"

CM योगी आदित्यनाथ ने इसरो को इस सफलता पर बधाई दी है। सोशल मीडिया साइट एक्स पर सीएम ने लिखा- ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए इसरो टीम को बधाई! भारत अंतरिक्ष डॉकिंग में सफलता हासिल करने वाला चौथा देश बन गया है, जो हमारी अंतरिक्ष क्षमताओं में एक बड़ी छलांग है। स्पेडेक्स डॉकिंग प्रक्रिया को सटीकता के साथ अंजाम दिया गया। यह भारत के लिए गर्व का क्षण है! जय हिंद!

इससे पहले 12 जनवरी को इसरो ने उपग्रहों को 'डॉकिंग' करने के परीक्षण के तहत दो अंतरिक्ष यान को तीन मीटर की दूरी तक पहुंचाया और फिर उन्हें सुरक्षित दूरी पर वापस भेज दिया।

इसरो ने 30 दिसंबर, 2024 को 'स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट' (स्पेडेक्स) मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। दो छोटे उपग्रहों, एसडीएक्स01 (चेज़र) और एसडीएक्स02 (लक्ष्य) को 24 पेलोड के साथ ले जाने वाले पीएसएलवी सी60 रॉकेट ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पहले 'लॉन्चपैड' से उड़ान भरी और उड़ान भरने के करीब 15 मिनट बाद, लगभग 220 किलोग्राम वजन वाले दो छोटे अंतरिक्ष यान को लक्षित तरीके से 475 किलोमीटर की गोलाकार कक्षा में लॉन्च किया गया।

इसरो के अनुसार, स्पैडेक्स मिशन दो छोटे अंतरिक्ष यान का उपयोग करके अंतरिक्ष में 'डॉकिंग' के लिए एक किफायती प्रौद्योगिकी मिशन है, जिसे पीएसएलवी के माध्यम से लॉन्च किया गया था।

अंतरिक्ष में 'डॉकिंग' तकनीक तब आवश्यक होती है जब सामान्य मिशन उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए कई रॉकेट लॉन्च करने की आवश्यकता होती है। यह तकनीक भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं जैसे कि चंद्रमा पर भारतीय मिशन, चंद्रमा से नमूने वापस लाना, भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS) का निर्माण और संचालन आदि के लिए आवश्यक है। इस मिशन के माध्यम से, भारत अंतरिक्ष डॉकिंग तकनीक वाला दुनिया का चौथा देश बनने की ओर अग्रसर है।

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