CM भगवंत सिंह मान का बड़ा ऐलान - पठानकोट बनेगा एडवेंचर हब, फिल्म सिटी और अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की हो रही तैयारी

पंजाब सरकार ने राज्य को देश के प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए महत्वाकांक्षी योजनाओं का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हाल ही में घोषणा की कि पठानकोट से लगे पहाड़ी क्षेत्रों में विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल विकसित किए जा रहे है, जबकि अमृतसर और मोहाली को भी आधुनिक पर्यटन सुविधाओं से लैस किया जा रहा है

Oct 3, 2025 - 18:11
Oct 4, 2025 - 10:55
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CM भगवंत सिंह मान का बड़ा ऐलान - पठानकोट बनेगा एडवेंचर हब, फिल्म सिटी और अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की हो रही तैयारी

पंजाब सरकार ने राज्य को देश के प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए महत्वाकांक्षी योजनाओं का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हाल ही में घोषणा की कि पठानकोट से लगे पहाड़ी क्षेत्रों में विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल विकसित किए जा रहे है, जबकि अमृतसर और मोहाली को भी आधुनिक पर्यटन सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। सरकार का दावा है कि आने वाले समय में पंजाब पर्यटन उद्योग का प्रमुख केंद्र बन जाएगा।

पर्यटन-मनोरंजन उद्योग को प्रोत्साहन देने के लिए CM मान ने उद्योगपतियों को खुला आमंत्रण दिया है। इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत पंजाब में एक अत्याधुनिक फिल्म सिटी स्थापित करने की तैयारी है, जो बॉलीवुड और पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री के लिए नया गंतव्य बनेगी। इसके साथ ही अमृतसर में एक अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण भी किया जाएगा, जो खेल पर्यटन को नई ऊंचाइयां देगा। यह पहल न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को गति देगी, बल्कि लाखों युवाओं के लिए रोज़गार के नए अवसर भी खोलेगी।

पंजाब की धरती, जो कभी केवल अपने खेतों और गुरुद्वारों के लिए जानी जाती थी, अब देश के पर्यटन मानचित्र पर एक नए अवतार में उभर रही है। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में राज्य सरकार ने पिछले तीन वर्षों में पर्यटन क्षेत्र में जो परिवर्तनकारी कदम उठाए है, वे न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को गति दे रहे हैं, बल्कि रोजगार के नए द्वार भी खोल रहे है। 2024-25 में 73 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के साथ, पंजाब अब भारत के शीर्ष पर्यटन राज्यों की दौड़ में शामिल होने के लिए पूरी तरह तैयार है।

पंजाब सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि रही है “पंजाब टूरिज़्म एंड हेरिटेज अथॉरिटी एक्ट, 2025” का पारित होना। यह ऐतिहासिक कानून पर्यटन विकास की सभी योजनाओं, निवेश और क्रियान्वयन पर एकीकृत निगरानी सुनिश्चित करता है। इस अथॉरिटी के माध्यम से निजी निवेशकों को सिंगल-विंडो क्लीयरेंस मिलेगी, जबकि स्थानीय समुदायों को पर्यटन राजस्व में सीधी हिस्सेदारी मिलेगी। यह कदम दर्शाता है कि सरकार पर्यटन को केवल राजस्व का साधन नहीं, बल्कि सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन का माध्यम मानती है।

शहीदों की विरासत को संजोने के मामले में पंजाब सरकार का निवेश अभूतपूर्व रहा है। खटकर कलां स्थित शहीद भगत सिंह संग्रहालय को विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस किया गया है, जहां 3D होलोग्राम, इंटरैक्टिव डिस्प्ले और मल्टीमीडिया प्रेज़ेंटेशन के ज़रिए आज़ादी की लड़ाई को जीवंत किया गया है। इसी तरह फिरोज़पुर में सारागढ़ी म्यूज़ियम 21 सिख सैनिकों की वीरगाथा को अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों तक पहुंचा रहा है। जलियांवाला बाग, किला मुबारक (पटियाला) और अन्य ऐतिहासिक स्थलों का भी आधुनिकीकरण किया जा चुका है, जिससे घरेलू और विदेशी पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है।

पठानकोट और आसपास के पहाड़ी क्षेत्रों को पंजाब सरकार ने ‘हिमालयन गेटवे ऑफ पंजाब’ के रूप में विकसित करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। रंजीत सागर डैम और शाहपुरकंडी डेम को एडवेंचर टूरिज़्म हब में बदला जा रहा है, जहां जेट-स्कीइंग, काइट सर्फिंग, जिप-लाइनिंग और लक्जरी फ्लोटिंग रिसॉर्ट्स जैसी सुविधाएं उपलब्ध है। कंडी ज़िले (गुरदासपुर, होशियारपुर, पठानकोट) में शिवालिक पहाड़ियों में 15 नए ट्रैकिंग रूट, जंगल सफारी, कैंपिंग साइट्स और ग्रामीण होमस्टे विकसित किए गए है। यह पहल न केवल साहसिक खेलों के शौकीनों को आकर्षित कर रही है, बल्कि स्थानीय युवाओं को गाइड, ऑपरेटर और उद्यमी के रूप में रोज़गार भी दे रही है।

चमरोड पोर्ट (अमृतसर) में मोटर पैराग्लाइडिंग और हॉट-एयर बलून राइड्स की शुरुआत ने पंजाब को एडवेंचर स्पोर्ट्स के नक्शे पर ला दिया है। यह भारत के मैदानी इलाकों में इस तरह की पहली बड़े पैमाने की पहल है। इसके साथ ही राज्य के विभिन्न हिस्सों में वाटर स्पोर्ट्स, रॉक क्लाइंबिंग, साइक्लिंग ट्रैक और नेचर ट्रेल्स विकसित किए जा रहे है। पंजाब सरकार ने इन गतिविधियों के लिए प्रशिक्षित कर्मियों और सुरक्षा मानकों को भी प्राथमिकता दी है, जिससे पर्यटकों को विश्व स्तरीय अनुभव मिल रहा है।

ग्रामीण पर्यटन में पंजाब ने राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है। गुरदासपुर के नवांपिंड सरदारां को भारत का बेस्ट टूरिज़्म विलेज 2023 घोषित किया गया, जबकि फतेहगढ़ साहिब के हंसाली फार्मस्टे ने एग्री-टूरिज्म में राष्ट्रीय पुरस्कार जीता। इन गांवों में पारंपरिक पंजाबी जीवनशैली, लोक संगीत, देसी भोजन और हस्तशिल्प का अनुभव पर्यटकों को मिल रहा है। इस पहल से ग्रामीण महिलाओं का सशक्तिकरण हुआ है और स्थानीय उत्पादों को नया बाज़ार मिला है। अब 50 से अधिक गांवों को टूरिज़्म विलेज के रूप में विकसित करने की योजना है।

पंजाब की सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक मंच देने के लिए सरकार ने 2025 में कई बड़े आयोजन किए। फिरोज़पुर का बसंत मेला, किला रायपुर ग्रामीण ओलंपिक्स और गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी पर्व पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें लाखों श्रद्धालु और पर्यटक शामिल हुए। लोहड़ी, बैसाखी, तीज जैसे पारंपरिक त्योहारों को भी पर्यटन कैलेंडर में शामिल कर उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रमोट किया जा रहा है। पंजाबी लोक नृत्य, गिद्दा-भांगड़ा, कव्वाली और सूफी संगीत के कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित हो रहे है।

डिजिटल युग में पर्यटन को सुगम बनाने के लिए पंजाब सरकार ने नई टूरिज़्म ऐप लॉन्च की है, जिसमें होटल बुकिंग, ट्रांसपोर्ट, टूर गाइड, इवेंट्स और इमरजेंसी सेवाओं की पूरी जानकारी एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है। ऑनलाइन गाइड सिस्टम, AI-आधारित चैटबॉट (पंजाबी, हिंदी, अंग्रेजी में), वर्चुअल टूर्स और सोशल मीडिया पर आक्रामक प्रमोशन से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को आकर्षित किया जा रहा है। सरकार ने प्रमुख पर्यटन स्थलों पर Wi-Fi, स्मार्ट टॉयलेट्स, सेल्फी पॉइंट्स और इंफो किऑस्क की भी व्यवस्था की है।

पर्यटन क्षेत्र में निवेश का सीधा असर रोजगार सृजन पर पड़ा है। हॉस्पिटैलिटी, ट्रांसपोर्ट, हैंडीक्राफ्ट, गाइड सेवाएं और स्थानीय उद्यमों में हज़ारों नई नौकरियां पैदा हुई है। महिला स्व-सहायता समूहों को प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता देकर उन्हें टूरिज़्म सेक्टर से जोड़ा गया है। फिल्म सिटी और अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम जैसी मेगा परियोजनाओं से हज़ारों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोज़गार के अवसर सृजित होंगे।

पंजाब सरकार का लक्ष्य अगले तीन वर्षों में राज्य को न केवल भारत के शीर्ष पर्यटन राज्यों में शामिल करना है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर एक प्रमुख गंतव्य के रूप में स्थापित करना है।  विकास, स्थानीय संस्कृति संरक्षण और सामुदायिक भागीदारी इस नीति के मूल में है, जो पंजाब को एक ज़िम्मेदार और समावेशी पर्यटन मॉडल की ओर ले जा रहे  है।

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