CBI का बड़ा एक्शन, बिटकॉइन घोटाले में 60 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी
ये छापेमारी दिल्ली-NCR, बेंगलुरु, चंडीगढ़, पुणे, कोल्हापुर समेत कई राज्यों में की गई। इस कार्रवाई का मकसद उन लोगों को पकड़ना है जो बिटकॉइन के नाम पर लोगों को ठग रहे हैं।

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने बिटकॉइन घोटाले के सिलसिले में देशभर में 60 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी की है। ये छापेमारी दिल्ली-NCR, बेंगलुरु, चंडीगढ़, पुणे, कोल्हापुर समेत कई राज्यों में की गई। इस कार्रवाई का मकसद उन लोगों को पकड़ना है जो बिटकॉइन के नाम पर लोगों को ठग रहे हैं।
क्या है मामला?
CBI ने पाया कि कुछ लोग बिटकॉइन में निवेश पर ज्यादा रिटर्न का वादा करके लोगों को फंसा रहे थे। वे सोशल मीडिया ग्रुप के जरिए अपनी योजनाओं का प्रचार कर रहे थे। इन योजनाओं में निवेशकों से पैसे लेकर उन्हें क्रिप्टोकरेंसी में बदल दिया जाता था, ताकि पैसे का स्रोत छिपाया जा सके। जांच में पता चला कि इन योजनाओं के जरिए 350 करोड़ रुपये से ज्यादा का लेन-देन हुआ है।
अब तक कहां-कहां की गई छापेमारी?
CBI इससे पहले दिल्ली, झारखंड, पंजाब, मध्य प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु और राजस्थान समेत सात राज्यों में 10 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी कर चुकी है। इस दौरान 34.2 लाख रुपये नकद, 38,414 अमेरिकी डॉलर की क्रिप्टोकरेंसी, सात मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, तीन हार्ड डिस्क, 10 पेन ड्राइव और अन्य डिजिटल साक्ष्य बरामद किए गए।
कैसे करते थे ठगी?
आरोपी सोशल मीडिया पर पोंजी स्कीम का प्रचार करते थे। वे बिटकॉइन में निवेश करने पर निवेशकों को उच्च रिटर्न का वादा करते थे। निवेशकों से प्राप्त धन को क्रिप्टोकरेंसी में परिवर्तित करके उसका स्रोत छिपाया जाता था। इस तरह की गतिविधियां भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) जैसे नियामक प्राधिकरणों की अनुमति के बिना संचालित की जा रही थीं।
पिछले मामलों से लिंक
यह पहली बार नहीं है कि CBI ने क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े घोटालों पर कार्रवाई की है। पिछले महीने भी CBI ने 350 करोड़ रुपये के क्रिप्टो पोंजी घोटाले में 7 राज्यों में छापेमारी की थी। इस दौरान सैकड़ों निवेशकों की गाढ़ी कमाई लूट ली गई थी। CBI की यह कार्रवाई क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर हो रही ठगी को रोकने और दोषियों को सजा दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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