Punjab : बिक्रम सिंह मजीठिया को हाईकोर्ट से लगा झटका, जमानत याचिका हुई खारिज
पंजाब के पूर्व मंत्री और शिरोमणि अकाली दल (SAD) के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया है।
पंजाब के पूर्व मंत्री और शिरोमणि अकाली दल (SAD) के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया है। अब मजीठिया के पास अगला रास्ता सुप्रीम कोर्ट का है, जहां वे अपनी जमानत के लिए अपील करेंगे। हालांकि, इस मामले में अदालत का विस्तृत आदेश अभी जारी नहीं हुआ है। बिक्रम मजीठिया को विजिलेंस विभाग ने 25 जून 2025 को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद से वे लगातार जेल में बंद हैं। यह मामला कथित रूप से 540 करोड़ रुपये से अधिक की ड्रग मनी को वैध बनाने से जुड़ा है, जिसमें विजिलेंस ने उनके खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं।
गजपत ग्रेवाल को भगोड़ा घोषित करने की तैयारी
इसी केस से जुड़ा एक और अहम मोड़ सामने आया है। मजीठिया के साले गजपत सिंह ग्रेवाल को भगोड़ा घोषित करने की प्रक्रिया चल रही है। मोहाली की अदालत में इस संबंध में विजिलेंस ब्यूरो की याचिका पर सुनवाई आज हो रही है, जिसमें उनके वकील की ओर से जवाब दाखिल किया जाएगा। गजपत को पहले ही इस मामले में आरोपी बनाया जा चुका है, लेकिन वह फिलहाल फरार हैं।
400 बैंक खातों की जांच, 200 गवाह शामिल
विजिलेंस ब्यूरो मजीठिया के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुका है, जिसमें कई अकाली दल और बीजेपी नेताओं के बयान दर्ज हैं। ब्यूरो का दावा है कि उन्होंने मजीठिया और उनके सहयोगियों से जुड़े 400 बैंक खातों का 10 साल का रिकॉर्ड खंगाला है। चार्जशीट में कुल 200 गवाहों को शामिल किया गया है। विजिलेंस का कहना है कि मजीठिया पर लगाए गए आरोपों को साबित करने के लिए उनके पास दस्तावेजी और वित्तीय सबूत मौजूद हैं।
मजीठिया के करीबी को भी बनाया आरोपी
विजिलेंस ब्यूरो ने चार दिन पहले मजीठिया के करीबी सहयोगी हरप्रीत सिंह गुलाटी को भी गिरफ्तार किया। पहले गुलाटी को सरकारी गवाह बनाया गया था, लेकिन जांच में सहयोग न करने और कई महत्वपूर्ण तथ्यों को छिपाने के आरोप में उन्हें आरोपी घोषित कर दिया गया। विजिलेंस का दावा है कि गुलाटी के जरिए ही मजीठिया ने शिमला और दिल्ली में बेनामी संपत्तियां खरीदीं। अदालत में पेशी के दौरान विजिलेंस ने गुलाटी का छह दिन का पुलिस रिमांड हासिल किया है ताकि इन संपत्तियों के स्रोत और धन के लेन-देन की पूरी जानकारी जुटाई जा सके।
जमानत याचिका हुई खारिज
विजिलेंस ने यह भी दावा किया है कि केस की जांच अब अंतिम चरण में है। मजीठिया की जमानत याचिका के खारिज होने से अब यह साफ हो गया है कि जांच एजेंसियां इस मामले को लेकर कड़ी कानूनी कार्रवाई के मूड में हैं। दूसरी ओर, अकाली दल का कहना है कि यह केस राजनीति से जुड़ा है और मजीठिया को झूठे आरोपों में फंसाया जा रहा है।
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