शपथ लेने से पहले ट्रंप ने किया बड़ा ऐलान, 24 घंटे में रद्द किए जाएंगे बाइडेन के ये ऑर्डर
उन्होंने ऐलान किया है कि 24 घंटे के अंदर जो बिडेन के सभी बेवकूफी भरे ऑर्डर रद्द कर दिए जाएंगे। ट्रंप ने साफ कर दिया है कि शपथ लेते ही वह 100 अहम फाइलों पर दस्तखत करेंगे।
डोनाल्ड ट्रंप आज अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण समारोह भारतीय समयानुसार सुबह 10:30 बजे होगा। शपथ लेने से पहले ट्रंप ने अपने तेवर दिखा दिए हैं। उन्होंने ऐलान किया है कि 24 घंटे के अंदर जो बिडेन के सभी बेवकूफी भरे ऑर्डर रद्द कर दिए जाएंगे। ट्रंप ने साफ कर दिया है कि शपथ लेते ही वह 100 अहम फाइलों पर दस्तखत करेंगे।
शपथ लेने के बाद ट्रंप क्या करने वाले हैं, इसकी तस्वीर भी साफ होने लगी है। उन्होंने अपनी टीम को रूसी राष्ट्रपति पुतिन से फोन पर बात करने के लिए तैयार रहने को कहा है। शपथ लेने से पहले पोप फ्रांसिस ने प्रार्थना की, जिसमें उन्होंने कहा कि अमेरिका एक ऐसा समाज बनाएगा, जहां नफरत, भेदभाव या किसी के बहिष्कार के लिए कोई जगह नहीं होगी।
ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में कौन-कौन शामिल होगा?
- ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में कई अरबपति और बड़े नेता शामिल होंगे। कई पूर्व राष्ट्रपति भी शामिल हो सकते हैं। पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश और लॉरा बुश, पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और हिलेरी क्लिंटन और पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा भी मौजूद रहेंगे। हालांकि, मिशेल ओबामा शामिल नहीं होंगी।
- इसके साथ ही TikTok के CEO भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हो सकते हैं। उन्हें प्रमुख मेहमानों में जगह मिलेगी। टेस्ला के CEO और ट्रंप के करीबी एलन मस्क, अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस और मेटा के CEO मार्क जुकरबर्ग भी मौजूद रहेंगे। पूर्व स्पीकर नैन्सी पेलोसी शामिल नहीं होंगी।
कुमार मंगलम बिड़ला ने क्या कहा?
डोनाल्ड ट्रंप के शपथ लेने से पहले आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा कि ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति के तौर पर वापस आ रहे हैं। उनके पास वैश्विक स्तर पर मौजूदा माहौल को नया आकार देने की ताकत है। इसका विश्व अर्थव्यवस्था और व्यापार पर बड़ा असर पड़ेगा।
मैं नहीं कह सकता कि आगे क्या होगा
दूसरी ओर, अमेरिकी विदेश विभाग में उच्च पद पर तैनात भारतीय मूल के रिचर्ड वर्मा ने अमेरिका-भारत संबंधों के भविष्य को लेकर उम्मीद जताई है। उन्होंने कहा, वह अमेरिका और भारत के बीच मतभेदों को लेकर चिंतित नहीं हैं। मैं नहीं चाहता कि भारत और अमेरिका के बीच संबंध लेन-देन वाला रिश्ता बन जाए।
रिचर्ड वर्मा ने कहा, मैं नहीं कह सकता कि आगे क्या होगा। मैं इतना जानता हूं कि इस रिश्ते को दोनों तरफ से अविश्वसनीय समर्थन हासिल है। दोनों देश मिलकर बहुत कुछ कर सकते हैं।
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