बांग्लादेश में इस्लामिक कट्टरपंथियों ने पत्रकारों को बनाया निशाना, छात्र नेता की मौत के बाद भड़की हिंसा…

बांग्लादेश में छात्र नेता उस्मान हादी की गोली मारकर हत्या के बाद, इस्लामी चरमपंथियों ने राजधानी ढाका में आगजनी और तोड़फोड़ की।

Dec 23, 2025 - 11:11
Dec 23, 2025 - 11:12
 8
बांग्लादेश में इस्लामिक कट्टरपंथियों ने पत्रकारों को बनाया निशाना, छात्र नेता की मौत के बाद भड़की हिंसा…
Bangladesh Islamic Extremists

बांग्लादेश में एक चर्चित छात्र नेता की मौत के बाद भड़की हिंसा के बीच पत्रकारों और मीडिया संस्थानों को निशाना बनाए जाने की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। हालात इतने बिगड़ गए कि बीते सप्ताह इस्लामिक कट्टरपंथी समूहों ने देश के दो बड़े अखबारों के दफ्तरों में आगजनी और तोड़फोड़ की। इसके विरोध में सोमवार, 22 दिसंबर 2025 को बांग्लादेश भर में पत्रकार सड़कों पर उतर आए और जोरदार प्रदर्शन किया।

पत्रकारों और मीडिया कर्मियों ने जताया विरोध 

राजधानी ढाका में दर्जनों पत्रकारों और मीडिया कर्मचारियों ने ह्यूमन चेन बनाकर विरोध जताया। प्रदर्शन के दौरान उनके हाथों में प्रेस की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हो रहे हमलों के खिलाफ नारे लिखी तख्तियां थीं। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए मौके पर सुरक्षा बलों की तैनाती भी की गई थी। यह पूरा घटनाक्रम पिछले गुरुवार, 18 दिसंबर 2025 को हुई हिंसा से जुड़ा है, जब ढाका में उग्र भीड़ ने दो मीडिया दफ्तरों पर हमला कर दिया। हमलावरों ने इमारतों के कई हिस्सों में आग लगा दी और ऑफिस परिसरों में भारी तोड़फोड़ की।

ये हमले लोकप्रिय छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद उभरी भारत-विरोधी भावना के बीच हुए। 32 वर्षीय शरीफ उस्मान हादी भारत के मुखर आलोचक माने जाते थे। वे पिछले साल बांग्लादेश की तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से हटाने वाले लोकतंत्र समर्थक आंदोलन के प्रमुख चेहरों में शामिल थे। इस महीने की शुरुआत में ढाका में एक मस्जिद से निकलते समय दो नकाबपोश हमलावरों ने उन्हें गोली मार दी थी। गंभीर रूप से घायल हादी को इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया, जहां 18 दिसंबर को उनकी मौत हो गई।

दो प्रमुख अखबारों के कार्यालयों में लगाई आग

हादी की हत्या से गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने ढाका में कई इमारतों को आग के हवाले कर दिया। इनमें दो प्रमुख अखबारों के कार्यालय भी शामिल थे, जिन्हें भारत समर्थक माना जाता है। इस हिंसा ने मीडिया की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

नेशनल एडिटर्स काउंसिल के अध्यक्ष ने लगाया आरोप

मीडियो रिपोर्ट्स की मानें तो, बांग्लादेश के न्यू एज डेली के संपादक और नेशनल एडिटर्स काउंसिल के अध्यक्ष नुरुल कबीर ने आरोप लगाया है कि हमलावरों ने पत्रकारों को जिंदा जलाने की कोशिश की। सोमवार को आयोजित रैली में उन्होंने कहा कि जब पत्रकार दफ्तरों के अंदर काम कर रहे थे, तभी इमारतों में आग लगा दी गई। इतना ही नहीं, दमकल कर्मियों को भी बचाव कार्य करने से रोका गया।

कबीर के मुताबिक, हमलावरों का संदेश साफ था कि जो भी उनकी विचारधारा से असहमत होगा, उसे जिंदा जला दिया जाएगा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि छत पर फंसे पत्रकारों की मदद करने की कोशिश करने वालों पर भी हमला किया गया। इस पूरे घटनाक्रम को लेकर बांग्लादेश के मानवाधिकार संगठनों और मीडिया संस्थानों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस और उनके नेतृत्व वाली सरकार पर हालात संभालने में विफल रहने का आरोप लगाया। कई मीडिया कर्मियों का दावा है कि यह हमला सरकार से जुड़े तत्वों के इशारे पर कराया गया, जिससे प्रेस की आजादी पर खतरा और गहरा गया है।

यह भी पढ़ें : अवंतीपोरा में आतंकियों का मददगार गिरफ्तार, आरोपी से हथियार...

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow