छठ पूजा के दौरान इन कामों से बचें, जानें क्या हैं ये वर्जित नियम
कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से लेकर अष्टमी तिथि तक मनाए जाने वाले चार दिवसीय छठ महापर्व की शुरुआत आज, मंगलवार, 5 नवंबर 2024 से हो चुकी है। इस पर्व की शुरुआत 'नहाय-खाय' (Nahay Khay) से होती है...
कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से लेकर अष्टमी तिथि तक मनाए जाने वाले चार दिवसीय छठ महापर्व की शुरुआत आज से हो चुकी है। इस पर्व की शुरुआत 'नहाय-खाय' (Nahay Khay) से होती है, जिसके बाद खरन, संध्या अर्घ्य और ऊषा अर्घ्य का आयोजन किया जाता है।
छठ पूजा के इस पवित्र पर्व में शुद्धता और पवित्रता का विशेष ध्यान रखा जाता है, और यह सुनिश्चित करने के लिए कुछ विशेष नियमों का पालन किया जाता है। छठ पूजा के दौरान यदि कोई भी गलती हो जाती है, तो व्रत का पुण्य फल प्राप्त नहीं होता। इसलिए, यह जरूरी है कि इस दौरान कुछ विशेष वर्जित कामों से बचें, ताकि व्रत सही ढंग से पूरा हो सके और उसका सही फल मिले।
छठ पूजा के दौरान वर्जित कार्य
- हजामत न करवाना: छठ पूजा के दौरान बाल, दाढ़ी, और नाखून की हजामत नहीं करवानी चाहिए, क्योंकि यह शुभ नहीं माना जाता।
- नहाए बिना पूजा सामग्री को न छुएं: छठ पूजा से संबंधित वस्तुओं को नहाए बिना छूना अशुद्धि को जन्म देता है, इसलिए इन वस्तुओं को छूने से पहले शुद्ध होना जरूरी है।
- सात्विक भोजन ही पकाएं: इस दौरान घर में केवल सात्विक भोजन तैयार करें। तामसिक भोजन और लहसुन-प्याज का सेवन वर्जित है।
- पलंग पर सोना वर्जित: व्रतधारी को पलंग पर सोने की अनुमति नहीं होती। इस दौरान भूमि पर सोना चाहिए।
- मासिक धर्म वाली महिला से दूरी बनाए रखें: यदि घर की किसी महिला को मासिक धर्म हो, तो उसे पूजा स्थल और पूजा सामग्री से दूर रखना चाहिए।
- कुछ विशेष चीजों का प्रयोग न करें: छठ पूजा के चार दिनों में मूली, गाजर, कच्ची हल्दी जैसी चीजों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
इन नियमों का पालन करके आप छठ पूजा को पूरी श्रद्धा और शुद्धता के साथ संपन्न कर सकते हैं और इसका पूरा पुण्य फल प्राप्त कर सकते हैं।
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