फरीदाबाद में है अतुल सुभाष का बेटा व्योम ! निकिता के खुलासे के बाद भी पुलिस क्यों नाकाम ?
बेंगलुरु में AI सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष के सुसाइड केस ने देशभर में संवेदनाओं को झकझोर कर रख दिया है। 9 दिसंबर 2024 को अतुल का शव उनके बेंगलुरु स्थित घर में पाया गया।
बेंगलुरु में AI सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष के सुसाइड केस ने देशभर में संवेदनाओं को झकझोर कर रख दिया है। 9 दिसंबर 2024 को अतुल का शव उनके बेंगलुरु स्थित घर में पाया गया। उन्होंने अपने सुसाइड से पहले एक वीडियो रिकॉर्ड किया और 24 पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा। इस वीडियो में उन्होंने पत्नी निकिता सिंघानिया और उनके परिवार सहित जौनपुर फैमिली कोर्ट की जज रीता कौशिक और पेशकार माधव को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया।
मामले की गंभीरता: बेटे की कस्टडी पर विवाद
अतुल के माता-पिता, अंजू और पवन मोदी, अभी भी अपने पोते व्योम की बरामदगी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। सुसाइड नोट में अतुल ने बेटे व्योम की कस्टडी अपने माता-पिता को सौंपने की अपील की थी। परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में हैबियस कॉरपस याचिका दायर की है। कोर्ट ने यूपी, हरियाणा, और कर्नाटक सरकारों को नोटिस जारी कर बच्चे को अदालत में पेश करने का आदेश दिया है।
अतुल का आरोप: झूठे मुकदमों का दबाव
अतुल ने वीडियो और सुसाइड नोट में आरोप लगाया कि उनकी पत्नी निकिता ने उनके खिलाफ 9 झूठे मुकदमे दर्ज करवाए। साथ ही, ससुराल पक्ष ने समझौते के लिए उनसे 3 करोड़ रुपये की मांग की थी। उन्होंने यह भी बताया कि बेटे से बात करने तक की अनुमति नहीं दी जाती थी।
परिवार का संघर्ष और प्रशासन की उदासीनता
अतुल के पिता पवन मोदी ने समस्तीपुर पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठाया और राष्ट्रपति को पत्र लिखकर आत्महत्या की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि पोते व्योम की कस्टडी पाने के लिए स्थानीय थाने में आवेदन देने के बावजूद FIR दर्ज नहीं की गई।
पुलिस की जांच और गिरफ्तारियां
10 दिसंबर को अतुल के भाई विकास ने चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया। 13 दिसंबर को निकिता को गुरुग्राम से और अन्य दो आरोपियों को प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया। हालांकि, चाचा ससुर सुशील अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। हाईकोर्ट ने सुशील को अग्रिम जमानत दे दी है।
सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप और आगे की राह
सुप्रीम कोर्ट ने तीनों राज्यों की पुलिस से बच्चे को खोजकर अदालत में पेश करने को कहा है। अगली सुनवाई जनवरी में होगी। सवाल यह है कि क्या पुलिस व्योम को ढूंढ पाएगी और अतुल के परिवार को न्याय मिलेगा।
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