अनिल विज ने दिया पार्टी के नोटिस का जवाब, बोले-'किसी और बात का जवाब चाहिए तो...'
हरियाणा की राजनीति में तुरंत फैसला लेने और बिना किसी हिचकिचाहट के अपनी बात रखने वाले कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने पार्टी की ओर से भेजे गए नोटिस का जवाब दे दिया है।

भारतभूषण शर्मा: हरियाणा की राजनीति में तुरंत फैसला लेने और बिना किसी हिचकिचाहट के अपनी बात रखने वाले कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने पार्टी की ओर से भेजे गए नोटिस का जवाब दे दिया है। पार्टी के नोटिस का जवाब भेजने के बाद अनिल विज ने मीडिया से बातचीत में कहा कि " मैं तीन दिन से बेंगलुरु गया हुआ था। मुझे मीडिया के माध्यम से इस नोटिस के बारे में पता चला था।
कल शाम ही मैं वापस लौटा। मैं घर पहुंचने के बाद ठंडे पानी से नहाया, फिर खाना खाया और रात को अपना जवाब हाईकमान को भेज दिया है। साथ ही मैंने जवाब में लिखा है कि आपको किसी और बात का जवाब चाहिए तो भेज देना, मैं आपको जवाब दे दूंगा।" हालांकि इस दौरान अनिल विज ने ये नहीं बताया कि उन्होंने क्या जवाब दिया है।
एक दिन पहले दिया था ये बयान
इससे पहले मंगलवार को नोटिस के बारे में पूछने पर अनिल विज ने कहा था, "मैं घर जाऊंगा, ठंडे पानी से नहाऊंगा, खाना खाऊंगा और अपना जवाब लिखने बैठूंगा, जिसे मैं हाईकमान को भेजूंगा।" बता दें कि ये नोटिस बीजेपी हाईकमान ने सीएम नायब सैनी और प्रदेश अध्यक्ष मोहल लाल बड़ौली पर जुबानी हमले को लेकर अनिल विज को दिया था। हाईकमान ने अनिल विज को तीन दिनों में जवाब देने के लिए कहा था। अब अनिल विज ने जवाब दे दिया है। हालांकि अनिल विज वापस अपने पहले वाले तेवर में हैं। नोटिस मिलने के बावजूद उनके तेवर में कोई बदलाव नहीं आया है।
बिना दवाब के काम करते हैं विज
राज्य सरकार में मंत्री अनिल विज ने मुख्यमंत्री के उड़नखटोले पर सवार होने तथा नीचे उतरकर जनता की सुनवाई करने का बयान देने के साथ ही कसौली दुष्कर्म कांड के बाद प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडौली को इस्तीफा देने की बात कही थी। विज की गिनती उन सीनियर नेताओं में होती है, जो किसी के दबाव अथवा प्रभाव में आकर काम नहीं करते हैं।
अपनी बेबाकी के लिए चर्चित है अनिल विज
पार्टी के सीनियर नेता व अंबाला कैंट से सात बार के विधायक अनिल विज अपनी बेबाकी के चर्चित हैं। उनकी पहले भी सरकार और आईएएस व आईपीएस अधिकारियों के साथ तकरार होती रही है। लेकिन उन्होंने कभी सार्वजनिक तौर पर इतने सख्त बयान कभी नहीं दिए। उस दौरान भी पार्टी ने ऐसे मामलों में कभी संज्ञान नहीं लिया। यह पहली बार है जब उन्होंने खुलकर मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ बयान दिया है। इस बार पार्टी ने विज के बयानों को गंभीरता से लिया है। भाजपा सरकार में यह पहली बार है, जब किसी मंत्री को संगठन की ओर से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
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