राजधानी की वायु गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर, सरकार सख्त कदम उठाने को तैयार

दिल्ली में प्रदूषण का कहर: दिल्ली में वायु प्रदूषण एक बार फिर गंभीर समस्या बन गया है। राजधानी की वायु गुणवत्ता (AQI) लगातार "बहुत खराब" और "खतरनाक" श्रेणी में बनी हुई है।

Nov 17, 2024 - 08:51
 14
राजधानी की वायु गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर, सरकार सख्त कदम उठाने को तैयार
Pollution havoc in Delhi
Advertisement
Advertisement

दिल्ली में वायु प्रदूषण एक बार फिर गंभीर समस्या बन गया है। राजधानी की वायु गुणवत्ता (AQI) लगातार "बहुत खराब" और "खतरनाक" श्रेणी में बनी हुई है। प्रदूषण के बढ़ते स्तर ने दिल्लीवासियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। लोगों को सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन और स्वास्थ्य से जुड़ी अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।  

खतरनाक स्तर पर पहुंची वायु गुणवत्ता

दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) कई इलाकों में 450 के पार पहुंच गया है। यह स्तर "गंभीर" श्रेणी में आता है, जो हर उम्र के लोगों के लिए नुकसानदायक है। पीएम 2.5 और पीएम 10 कणों की मात्रा सामान्य से कई गुना अधिक है, जो फेफड़ों और दिल से जुड़ी बीमारियों के खतरे को बढ़ाता है।  

सरकार ने उठाए सख्त कदम  

दिल्ली सरकार ने प्रदूषण से निपटने के लिए कई कड़े फैसले लेने की योजना बनाई है:  

स्कूलों में छुट्टी: बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए सरकार ने स्कूलों को बंद करने पर विचार किया है। ऑनलाइन कक्षाओं का विकल्प भी सुझाया जा रहा है।  

वाहनों पर प्रतिबंध: निजी वाहनों की संख्या कम करने के लिए "ऑड-ईवन" योजना लागू करने पर विचार हो रहा है। साथ ही, ट्रकों और भारी वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है।  

निर्माण कार्य पर रोक: निर्माण और तोड़फोड़ से निकलने वाली धूल को नियंत्रित करने के लिए सभी निर्माण गतिविधियों पर अस्थायी रोक लगाई गई है।  

एंटी-स्मॉग गन और पानी का छिड़काव: प्रदूषण कम करने के लिए सड़कों पर पानी का छिड़काव और एंटी-स्मॉग गन का इस्तेमाल बढ़ाया जा रहा है।  

प्रदूषण के कारण

दिल्ली में प्रदूषण के मुख्य कारणों में पड़ोसी राज्यों में पराली जलाना, वाहनों का धुआं, निर्माण कार्य, और सर्दियों में हवा की धीमी गति शामिल हैं। पराली जलाने के चलते हवा में जहरीले कणों की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे हालात और बिगड़ते हैं।  

स्वास्थ्य पर असर 

प्रदूषण का सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि लंबे समय तक इस तरह के प्रदूषण में रहना सांस की बीमारियों, अस्थमा, और हृदय रोगों का खतरा बढ़ा सकता है। बच्चे और बुजुर्ग विशेष रूप से प्रभावित हो रहे हैं।  

लोगों से अपील

सरकार और विशेषज्ञों ने लोगों से अपील की है कि:  
- अनावश्यक रूप से बाहर न निकलें।  
- मास्क का इस्तेमाल करें।  
- सार्वजनिक परिवहन का अधिक से अधिक उपयोग करें।  
- घरों में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।  

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow