न्यूयॉर्क में ‘वर्ल्ड मेडिटेशन डे’ पर विशेष कार्यक्रम, आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रवि शंकर जी के सान्निध्य में गूंजा ‘ध्यान’ का संदेश

इस विशेष कार्यक्रम में विश्वप्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु एवं आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी की गरिमामयी उपस्थिति रही। उनके सान्निध्य में हजारों लोगों ने सामूहिक ध्यान कर शांति और सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव किया।

Dec 22, 2025 - 08:40
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न्यूयॉर्क में ‘वर्ल्ड मेडिटेशन डे’ पर विशेष कार्यक्रम, आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रवि शंकर जी के सान्निध्य में गूंजा ‘ध्यान’ का संदेश

विश्व शांति, मानसिक स्वास्थ्य और आंतरिक संतुलन के संदेश के साथ न्यूयॉर्क में ‘वर्ल्ड मेडिटेशन डे’ के अवसर पर एक भव्य और आध्यात्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस विशेष कार्यक्रम में विश्वप्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु एवं आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रवि शंकर जी की गरिमामयी उपस्थिति रही। उनके सान्निध्य में हजारों लोगों ने सामूहिक ध्यान कर शांति और सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव किया।

कार्यक्रम की शुरुआत शांति मंत्र और संक्षिप्त ध्यान सत्र से हुई, जिसके बाद श्री श्री रवि शंकर जी ने उपस्थित लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव, अवसाद और मानसिक असंतुलन तेजी से बढ़ रहा है, ऐसे में ध्यान ही वह सरल और प्रभावी माध्यम है जो व्यक्ति को भीतर से मजबूत बनाता है। उन्होंने कहा, “ध्यान केवल कुछ मिनटों की प्रक्रिया नहीं, बल्कि यह जीवन जीने की कला है, जो इंसान को स्वयं से और समाज से जोड़ती है।”

न्यूयॉर्क जैसे वैश्विक महानगर में आयोजित इस कार्यक्रम में विभिन्न देशों, संस्कृतियों और समुदायों से आए लोगों की सहभागिता देखने को मिली। आयोजकों के अनुसार, कार्यक्रम का उद्देश्य केवल आध्यात्मिक अनुभव तक सीमित नहीं था, बल्कि दुनिया को यह संदेश देना भी था कि ध्यान किसी एक धर्म या देश तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सम्पूर्ण मानवता के लिए है।

कार्यक्रम के दौरान सामूहिक ध्यान सत्र ने खास आकर्षण का केंद्र बना। विशाल सभागार में एक साथ हजारों लोगों का मौन और ध्यान में लीन होना अपने आप में एक अद्भुत दृश्य था। कई प्रतिभागियों ने बताया कि उन्होंने गहरी शांति और मानसिक हल्कापन महसूस किया।

एक प्रतिभागी ने कहा, “न्यूयॉर्क जैसी तेज रफ्तार जिंदगी में ऐसा शांत अनुभव मिलना अपने आप में अनमोल है। गुरुदेव के मार्गदर्शन में किया गया ध्यान हमें नई ऊर्जा से भर देता है।”

‘वर्ल्ड मेडिटेशन डे’ पर आयोजित इस कार्यक्रम के माध्यम से यह संदेश स्पष्ट रूप से सामने आया कि ध्यान केवल व्यक्तिगत विकास का साधन नहीं, बल्कि वैश्विक शांति और सद्भाव का मार्ग भी है। आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रवि शंकर जी ने युवाओं से आह्वान किया कि वे ध्यान और योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं, ताकि आने वाली पीढ़ियां मानसिक रूप से स्वस्थ और संतुलित समाज का निर्माण कर सकें।

कार्यक्रम का समापन विश्व शांति की कामना और सकारात्मक संकल्प के साथ हुआ। न्यूयॉर्क में गूंजा ‘ध्यान’ का यह संदेश न सिर्फ अमेरिका, बल्कि पूरी दुनिया के लिए शांति, संतुलन और मानवता का प्रेरणास्रोत बनकर सामने आया।

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