प्रयागराज में होगा आध्यात्म का सबसे बड़ा समागम, महाकुंभ में चलेंगी 7000 ग्रामीण और 350 शटल बसें
महाकुंभ 2025 न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपराओं का भी महत्वपूर्ण हिस्सा है।
प्रयागराज महाकुंभ 2025 की तैयारियां अपने अंतिम चरण में है। संगमनगरी में लगने वाला यह सबसे बड़ा धार्मिक समागम इस बार 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक चलेगा। इस महाकुंभ में लगभग 10 करोड़ श्रद्धालुओं के भाग लेने की उम्मीद है, जो इसे विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक समागम बनाता है।
बस सेवाएं
महाकुंभ के दौरान यात्रियों की सुविधा के लिए यूपी रोडवेज द्वारा 7000 ग्रामीण बसें और 350 शटल बसें चलाई जाएंगी । यह बसें विभिन्न रूटों पर संचालित होंगी, जिससे श्रद्धालुओं को आसानी से मेला क्षेत्र तक पहुंचने में मदद मिलेगी। शटल बसें प्रमुख स्नान पर्वों पर 24 घंटे चलेंगी, जबकि सामान्य दिनों में 17 रूटों पर बस सेवाएं उपलब्ध रहेंगी।
प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने बताया कि मुख्य स्नान की अवधि में प्रयागराज के निकटवर्ती जिलों से आने वाली बसों को प्रयागराज के आउटर मेला क्षेत्र में स्थित आठ अस्थायी बस स्टेशनों तक बसों का संचालन किया जाएगा।
भूमि पूजन और अखाड़ों की तैयारी
महाकुंभ की तैयारियों के तहत, प्रमुख अखाड़ों ने सामूहिक भूमि पूजन किया है। यह आयोजन आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है, और इससे मेला क्षेत्र में शिविर निर्माण की प्रक्रिया तेज होगी। इस बार यह पहली बार हुआ है कि इतने बड़े पैमाने पर विभिन्न अखाड़ों ने एक साथ भूमि पूजन किया है, जो महाकुंभ की गरिमा को बढ़ाता है।
सुरक्षा व्यवस्था
महाकुंभ के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी व्यापक तैयारी की गई है। 50,000 से अधिक जवान तैनात किए गए हैं, और विशेष सुरक्षा उपायों के तहत स्नाइपर्स भी महत्वपूर्ण स्थानों पर तैनात रहेंगे।
महाकुंभ 2025 न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपराओं का भी महत्वपूर्ण हिस्सा है।
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