'वन रैंक वन पेंशन' के तहत सेना के 25.20 लाख पात्र पेंशनधारकों को मिली पेंशन
योजना के तहत वही पूर्व सैन्यकर्मी आते हैं जो 30 जून 2014 तक सेवानिवृत्त हुए थे; उन्हें उनकी रैंक और सेवा अवधि के अनुसार समान पेंशन दी जाती है, चाहे उनकी सेवानिवृत्ति की तिथि कोई भी हो।
'वन रैंक वन पेंशन' (OROP) योजना के तहत भारतीय सेना के 25.20 लाख पात्र पेंशनधारकों को पेंशन मिली है, जिनके लिए सरकार ने कुल 16,925.20 करोड़ रुपए का भुगतान किया है। यह जानकारी संसद के मानसून सत्र के दौरान रक्षा मंत्रालय में राज्यमंत्री संजय सेठ ने द्वारा दी गई है।
योजना के तहत वही पूर्व सैन्यकर्मी आते हैं जो 30 जून 2014 तक सेवानिवृत्त हुए थे; उन्हें उनकी रैंक और सेवा अवधि के अनुसार समान पेंशन दी जाती है, चाहे उनकी सेवानिवृत्ति की तिथि कोई भी हो।
OROP योजना का उद्देश्य समय-समय पर सभी पात्र पेंशनभोगियों के बीच पेंशन में आने वाली असमानता को दूर करना है, जिससे उन्हें समान लाभ मिल सके।
योजना के तहत पेंशन राशि हर पांच साल में पुनर्निर्धारित की जाती है; नवीनतम समीक्षा में ही यह भुगतान जारी हुआ है।
यह सरकारी पहल रक्षा क्षेत्र के लाखों रिटायर्ड जवानों और उनके परिवारों के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा का साधन बनी है।
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