1158 सहायक प्रोफेसर और लाइब्रेरियन यूनियन द्वारा मुख्यमंत्री पंजाब और उच्च शिक्षा मंत्री का धन्यवाद

पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा सुनवाई के दौरान 1158 सहायक प्रोफेसरों और लाइब्रेरियनों की भर्ती से संबंधित सिंगल बेंच के फैसले को रद्द करते हुए पंजाब सरकार की दलीलों से सहमति जताई और इस भर्ती प्रक्रिया को बहाल कर दिया। इस फैसले के पश्चात 1158 सहायक प्रोफेसर और लाइब्रेरियन यूनियन के लीडरों ने उच्च शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस से मुलाकात कर उन्हें मिठाई खिलाई और भर्ती प्रक्रिया से संबंधित चल रहे कानूनी कारवाई में की गई मदद के लिए धन्यवाद किया।

Sep 25, 2024 - 08:53
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1158 सहायक प्रोफेसर और लाइब्रेरियन यूनियन द्वारा मुख्यमंत्री पंजाब और उच्च शिक्षा मंत्री का धन्यवाद
1158 सहायक प्रोफेसर और लाइब्रेरियन यूनियन द्वारा मुख्यमंत्री पंजाब और उच्च शिक्षा मंत्री का धन्यवाद
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पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा सुनवाई के दौरान 1158 सहायक प्रोफेसरों और लाइब्रेरियनों की भर्ती से संबंधित सिंगल बेंच के फैसले को रद्द करते हुए पंजाब सरकार की दलीलों से सहमति जताई और इस भर्ती प्रक्रिया को बहाल कर दिया। इस फैसले के पश्चात 1158 सहायक प्रोफेसर और लाइब्रेरियन यूनियन के लीडरों ने उच्च शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस से मुलाकात कर उन्हें मिठाई खिलाई और भर्ती प्रक्रिया से संबंधित चल रहे कानूनी कारवाई में की गई मदद के लिए धन्यवाद किया। इस मौके पर हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने स्पष्ट आदेश दिए थे कि इस भर्ती प्रक्रिया को बहाल करवाने के लिए पूरी कोशिश की जाए। 

उन्होंने कहा कि इस भर्ती प्रक्रिया को जल्द ही पूरा किया जाएगा और पंजाब के सरकारी कॉलेजों को फिर से प्रगति के रास्ते पर लाया जाएगा। 1158 सहायक प्रोफेसर यूनियन की संयोजक डॉ. जसविंदर कौर ने उच्च शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस को हाई कोर्ट का फैसला आने के बाद फोन पर धन्यवाद किया और कहा कि पंजाब सरकार के सहयोग के बिना हमारी इस केस में जीत संभव नहीं थी। यूनियन के लीडर डॉ. सुहेल, डॉ. बलविंदर सिंह चाहल, डॉ. हरजिंदर सिंह, डॉ. करमजीत सिंह, चिराग गर्ग, तजिंदर सिंह और डॉ. रोहित ढींगरा ने उच्च शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस से मुलाकात कर उन्हें धन्यवाद देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पंजाब भगवंत सिंह मान और उच्च शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस के सहयोग के बिना यूनियन यह केस हाई कोर्ट में नहीं जीत सकती थी।

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