पिता की अर्थी को 11 बहनों ने दिया कंधा...अंतिम यात्रा देख पूरा गांव रोया
जयपुर के नाटाणियों का रास्ता इलाके में लंबे समय से किराना दुकानदार गोवर्धन दास को करीब 40 साल तक अपनी दुकान चलाने के बाद स्वास्थ्य कारणों से अपनी दुकान बंद करनी पड़ी। उनकी 11 बेटियों में से 8 की शादी जयपुर में हुई है, जबकि बाकी की ससुराल मुंबई, अजमेर और उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में है।
जयपुर के ब्रह्मपुरी स्थित सीताराम बाजार निवासी गोवर्धन दास बूसर (92) का अंतिम संस्कार भावभीनी तरीके से किया गया। उनका कोई बेटा नहीं था, इसलिए उनकी 11 बेटियों ने उन्हें कंधे पर उठाया, जिसे देखकर वहां मौजूद हर कोई भावुक हो गया।
जयपुर के नाटाणियों का रास्ता इलाके में लंबे समय से किराना दुकानदार गोवर्धन दास को करीब 40 साल तक अपनी दुकान चलाने के बाद स्वास्थ्य कारणों से अपनी दुकान बंद करनी पड़ी। उनकी 11 बेटियों में से 8 की शादी जयपुर में हुई है, जबकि बाकी की ससुराल मुंबई, अजमेर और उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में है।
उनकी बेटी अंजू गुप्ता ने बताया कि कैसे उनके पिता तबीयत खराब होने तक साइकिल से उनकी दुकान और अन्य जगहों पर जाते रहे। उनकी बीमारी के बावजूद सभी बेटियों ने उनका ख्याल रखा। कागदीवाड़ा श्मशान घाट पर एक मार्मिक क्षण में उनके पोते बबलू ने चिता को मुखाग्नि देकर अपने प्यारे दादा का अंतिम संस्कार किया।
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