दिल्ली ईवी नीति 2.0 के तहत सरकार ‘रेट्रोफिटिंग’ को प्रोत्साहन देगी : परिवहन मंत्री

 दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बृहस्पतिवार को कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2.0 में वाहनों की उच्च लागत को देखते हुए ‘रेट्रोफिटिंग’ को प्रोत्साहित किया जाएगा। रेट्रोफिटिंग का तात्पर्य पुराने वाहन को नई तकनीक या सुविधाओं से लैस करना है।

गहलोत ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि क्योंकि नई नीति पर काम चल रहा है, इसलिए वे मौजूदा नीति को छह महीने या नई नीति तैयार होने तक बढ़ा देंगे।

दिल्ली इलेक्ट्रिक वाहन नीति-2020 की अवधि इस साल आठ अगस्त को पूरी हो गई थी। तब सरकार ने कहा था कि इसके तहत दी जा रही सब्सिडी नई नीति अधिसूचित होने तक जारी रहेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘ हम एक कैबिनेट नोट ला रहे हैं और इस सप्ताह के भीतर इसे अंतिम रूप दिया जाना चाहिए। मौजूदा नीति को छह महीने या नई नीति अधिसूचित होने तक बढ़ाया जाएगा।’’

मंत्री ने नई नीति के बारे में बात करते हुए कहा कि एक चीज जिस पर वह गौर करेंगे वह है ‘रेट्रोफिटिंग’ की अवधारणा।

गहलोत ने कहा, ‘‘ लोग अपने आईसी (आंतरिक दहन) इंजन को इलेक्ट्रिक इंजन में बदलना चाहते हैं। यह प्रक्रिया महंगी है। एक सामान्य जिप्सी में इस तरह के बदलाव में करीब पांच से छह लाख रुपये का खर्च आता है, जो काफी ज्यादा है। हम देखेंगे कि इसे कैसे प्रोत्साहित किया जाए।’’

उन्होंने कहा कि इसके साथ ही सरकार अंतिम छोर तक संपर्क स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित करेगी।

मंत्री ने कहा, ‘‘ हमने अंतिम-छोर तक संपर्क को मजबूत करने के लिए 3,000 ई-स्कूटर और ई-साइकिल तैनात करने के लिए एक निविदा जारी की है। पहले चरण में 1,500 ऐसे वाहन मेट्रो स्टेशनों पर तैनात किए जाएंगे। हम प्रायोगिक आधार पर द्वारका में परियोजना शुरू कर रहे हैं।’’