भाजपा सांसदों ने चंद्रयान-3 की सफलता के लिए वैज्ञानिकों के साथ-साथ प्रधानमंत्री मोदी को दिया श्रेय

 भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के अन्य घटक दलों के सदस्यों ने बृहस्पतिवार को चंद्रयान-3 मिशन की सफलता का श्रेय वैज्ञानिकों के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उठाये गये कदमों को दिया।

भाजपा के सत्यपाल सिंह ने कहा कि लाखों वर्षों से हमारे ऋषियों ने हमें कल्याण के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी और तब से देश में वैज्ञानिक अनुसंधान होते रहे हैं।

उन्होंने चंद्रयान-3 की सफलता के लिए इसरो के वर्तमान और पुराने सभी वैज्ञनिकों के साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताया और कहा कि पिछले नौ वर्षों में मोदी सरकार बनने के बाद देश ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अभूतपूर्व सफलता हासिल की है।

सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में विज्ञान के क्षेत्र में अनेक कदम उठाये गये हैं।

भाजपा के जयंत सिन्हा ने कहा कि चंद्रयान-3 में इसरो और वैज्ञानिकों के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अतुलनीय योगदान रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने अंतरिक्ष विभाग के बजट को दोगुने से ज्यादा कर दिया है।

सत्तारूढ़ पार्टी के ही सुमेधानंद सरस्वती ने वैज्ञानिकों को आधुनिक ऋषि करार देते हुए कहा, ‘‘हमारे पुराणों में अनेक ऐसे वैज्ञानिक उदाहरण मिलते हैं, जिनसे साबित होता है कि देश में हजारों साल से वैज्ञानिक अन्वेषण होते रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि चंद्रमा तक भारतीय मिशन के पहुंचने में शामिल रहे समस्त लोगों और देश की आजादी से लेकर अब तक अंतरिक्ष एवं विज्ञान के क्षेत्र में काम करने वाले सभी लोगों का वह आभार व्यक्त करते हैं।

उन्होंने भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनेक प्रयास होने की बात कही।

भाजपा के ही एल. एस. तेजस्वी सूर्या ने कहा कि स्टार्टअप से लेकर सेरिकल्चर इंजीनियरिंग तक तथा स्पोर्ट्स इंजीनियरिंग से लेकर सुपर कंप्यूटिंग तक, मोदी सरकार ने देश को सशक्त बनाने के लिए ऐतिहासिक काम किया है।

उन्होंने विपक्षी दलों द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री (जवाहरलाल) नेहरू और इंदिरा (गांधी) के कार्यों का उल्लेख किये जाने पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा, ‘‘मैं राजनीतिक बात नहीं करना चाहता था, लेकिन सुबह से सदन में नेहरू का गुणगान किया जा रहा है, जबकि इसरो और इसके वैज्ञानिकों को तवज्जो दिया जाना चाहिए था।’’

उन्होंने कहा कि देश में बहुत से ऐसे महत्वपूर्ण लोग थे, जो आजादी से पहले से ही मौजूदा ऐतिहासिक संस्थानों को ऊंचाई देने के लिए प्रयासरत थे, लेकिन आजादी के बाद उनका नाम तक नहीं लिया गया और नेहरू से सभी उपलब्धियों को जोड़ दिया गया, जबकि सच्चाई यह है कि नेहरू का उन संस्थानों से तब कोई लेना-देना नहीं था।

उन्होंने कहा, ‘‘…लेकिन नेहरू भजन करने वाले लोगों के लिए कांग्रेस पार्टी का ‘ब्रह्मांड’ नेहरू से शुरू होता है और राहुल पर खत्म हो जाता है।’’