Chess: डी गुकेश ने शतरंज में रच दिया इतिहास, बने सबसे युवा वर्ल्ड चैम्पियन

भारत के डी गुकेश ने शतरंज की दुनिया में इतिहास रच दिाया है। उन्होंने 2024 की वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप जीतकर सबसे युवा वर्ल्ड चैम्पियन बनने का रिकॉर्ड अपने नाम किया।

Dec 12, 2024 - 20:22
Dec 12, 2024 - 20:31
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Chess: डी गुकेश ने शतरंज में रच दिया इतिहास, बने सबसे युवा वर्ल्ड चैम्पियन
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भारत के डी गुकेश ने शतरंज की दुनिया में इतिहास रच दिाया है। उन्होंने 2024 की वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप जीतकर सबसे युवा वर्ल्ड चैम्पियन बनने का रिकॉर्ड अपने नाम किया। इस जीत से न केवल शतरंज प्रेमियों को गर्व हुआ, बल्कि भारत को भी एक और चेस मास्टर मिल गया, जो भविष्य में और भी बड़ी उपलब्धियां हासिल कर सकता है।

14वीं बाजी में डिंग लिरेन को हराया

2024 के वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप का फाइनल मुकाबला सिंगापुर में खेला गया, जहां भारत के डी गुकेश का सामना डिंग लिरेन से था। लिरेन पिछले साल के डिफेंडिंग चैम्पियन थे और इस मुकाबले में उनका रिकॉर्ड मजबूत था। हालांकि, गुकेश ने अपनी जबरदस्त रणनीति और मानसिक दृढ़ता से लिरेन को 14वीं बाजी में हार का सामना कराया। यह जीत उनके करियर का सबसे बड़ा पल बन गई और साथ ही उन्होंने शतरंज की दुनिया में अपनी जगह पक्की कर ली।

पीएम मोदी ने दी जीत की बधाई
 
देश के प्रधानमंत्री पीएम मोदी ने भी शतरंज की दुनिया में इतिहास रचने वाले डी गुकेश को जीत की बधाई देते हुए सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट किया है।


चीन की शतरंज की बादशाहत खत्म

गुकेश की इस ऐतिहासिक जीत ने चीन की शतरंज में वर्षों से चली आ रही बादशाहत को तोड़ दिया है। डिंग लिरेन के नेतृत्व में चीन की शतरंज टीम हमेशा से दुनिया भर में एक प्रमुख शक्ति रही है, और उनके पास कई वर्ल्ड चैंपियंस रहे हैं। लेकिन गुकेश की जीत ने न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में भारतीय शतरंज के विकास को उजागर किया।

गुकेश ने सिर्फ भारत का नाम रोशन नहीं किया, बल्कि यह जीत शतरंज में अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा को भी नए आयाम देने वाली है। इस जीत के बाद भारतीय शतरंज प्रेमियों को उम्मीद है कि भारतीय खिलाड़ियों का दबदबा अब और भी बढ़ेगा और भारत में शतरंज की लोकप्रियता और बढ़ेगी।

गुकेश और भारतीय शतरंज का भविष्य

डी गुकेश की इस ऐतिहासिक जीत ने भारतीय शतरंज को नई दिशा दी है। युवा खिलाड़ी का यह प्रदर्शन भारतीय शतरंज की अकादमी, कोचिंग और सुविधाओं की गुणवत्ता को भी साबित करता है। गुकेश के लिए यह सिर्फ एक व्यक्तिगत सफलता नहीं, बल्कि पूरी भारतीय शतरंज बिरादरी के लिए एक प्रेरणा है।

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