कृषि-खाद्य प्रणाली में महिलाओं के योगदान को आज भी मान्यता नहीं, इससे बदलने की जरूरत है-राष्ट्रपति मुर्मू

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को कहा कि कृषि-खाद्य प्रणाली में महिलाओं के योगदान को मान्यता नहीं दी गई है और इससे अब बदलने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि महिलाओं को कृषि संरचना के ‘पिरामिड’ में सबसे नीचे रखा जाता है और उन्हें ऊपर आने तथा निर्णय लेने वालों की भूमिका निभाने के अवसर से वंचित किया जाता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि वास्तव में कोविड-19 वैश्विक महामारी से कृषि-खाद्य प्रणाली और समाज में संरचनात्मक असमानता के बीच मजबूत संबंध सामने आया।

उन्होंने कहा, ‘‘महिलाएं भोजन बोती हैं, उगाती हैं, फसल काटती हैं, संसाधित करती हैं और उसका विपणन करती हैं। वे भोजन को खेत से थाली तक लाने में अपरिहार्य भूमिका निभाती हैं, लेकिन अब भी दुनिया भर में उन्हें भेदभावपूर्ण सामाजिक मानदंडों द्वारा रोका जाता है… उनके योगदान को मान्यता नहीं दी जाती।’’

मुर्मू ने कृषि क्षेत्र में लैंगिक मुद्दों पर एक वैश्विक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘ उनकी भूमिका को हाशिए पर रखा जाता है। कृषि-खाद्य प्रणालियों की पूरी श्रृंखला में उनके अस्तित्व को नकार दिया गया है। इस कहानी को बदलने की जरूरत है।’’