आखिर BJP क्यों कर रही हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तारीख बदलने की मांग? मोहनलाल बडोली के पत्र ने खोल दिया राज
नकुल जसूजा, चंडीगढ़:
हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बडोली ने केंद्रीय चुनाव आयोग को पत्र लिखकर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीख बदलने की मांग की है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि एक अक्टूबर को मतदान की तारीख घोषित की गई है, लेकिन लगातार छुट्टियां होने के कारण वोटिंग प्रतिशत में कमी देखने को मिल सकती है।
ये रहेगा छुट्टियों का शेड्यूल
बडोली ने अपने पत्र में लिखा कि 28 अगस्त को महीने का आखिरी शनिवार है और 29 अगस्त को रविवार है। इसके बाद एक अक्टूबर को मतदान के कारण सभी सार्वजनिक और निजी संस्थानों में अवकाश होगा, जबकि दो अक्तूबर को गांधी जयंती की छुट्टी है। वहीं, तीन अक्टूबर को अग्रसेन जयंती का अवकाश है। ऐसे में अधिकांश लोग 30 अगस्त को एक दिन की छुट्टी लेकर लगातार 6 दिन का लंबा वीकेंड कर छुट्टियों पर कहीं घूमने जा सकते हैं, जिसके चलते मतदान प्रतिशत में कमी आ सकती है।
बिश्नोई समाज के लोग भी करेंगे प्रस्थान
केंद्रीय चुनाव आयोग को लिखे पत्र में मोहन लाल बडोली ने कहा कि 2 अक्टूबर को आसोज की अमावस्या होने के कारण बिकानेर जिले की नौखा तहसील के मुकाम गांव में हर वर्ष की तरह मेले का आयोजन किया जा रहा है। इस मेले में भाग लेने के लिए प्रदेश में रह रहे बिश्नोई समाज के अधिकांश लोग एक अक्टूबर को ही वहां के लिए प्रस्थान करेंगे। इस कारण से भी मतदान में कमी रहेगी।
पंजाब की चुनाव तारीख में भी हुआ था बदलाव
मोहन लाल बड़ोली ने 2022 में हुए पंजाब विधानसभा चुनाव का हवाला देते हुए लिखा कि पंजाब विधानसभा चुनाव में मतदान के लिए 14 फरवरी 2022 की तारीख घोषित की गई थी, लेकिन 16 फरवरी 2022 को संत रविदास जयंती होने के कारण उसे बदलकर 20 फरवरी 2022 किया गया था।
इस चीज का रखे ध्यान
बड़ोली ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के मतदान की तारीख एक अक्टूबर से बदलने की अपील करते हुए कहा कि मतदान की तारीख निर्धारित करते समय यह ध्यान रखा जाए कि उससे एक दिन पहले और अगले दिन कोई अवकाश ना हो। इससे अधिक से अधिक लोग मतदान की प्रक्रिया में भाग ले सकें।
अधिक से अधिक मतदान की कोशिश
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडोली ने कहा कि चुनाव आयोग का यह सतत् आग्रह और प्रयास रहा है कि लोकतन्त्र को मजबूती देने के लिए अधिक से अधिक मतदाता मतदान की प्रक्रिया में भाग लें। इसके लिए आवश्यक है कि मतदान के दिन और उससे पहले वा बाद में कोई अवकाश ना हो।
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