पार्टी जो भूमिका देगी दिलों जान से करूंगा काम- अनिल विज

पार्टी जो भूमिका देगी दिलों जान से करूंगा काम- अनिल विज

चंद्रशेखर धरणी, चंडीगढ़ : भारतीय जनता पार्टी के अनन्य भक्त अनिल विज जिन्हें हरियाणा की जनता इंसाफ के मसीहा के रूप में जानती है, हर दर से बेबस और निराश जनता जिन्हें आखिरी उम्मीद मानती है, जो हर मौके पर चाहे परिस्थितियां कैसी भी रही भाजपा के झंडे को बुलंद करते रहे, जिस वक्त भाजपा का कार्यकर्ता होना एक हंसी का पात्र होता था उस दौर में एकमात्र विधायक बन कर भाजपा को प्रदेश में जिंदा रखने का काम विज ने किया।

विज को नए मंत्रिमंडल में नहीं किया गया शामिल

अभी तक जनता के दिमाग में एक बड़ा प्रश्न घर किए हुए है कि जिस अनिल विज को वह मुख्यमंत्री देखना चाहते थे, उसे मंत्रिमंडल तक में ही शामिल नहीं किया गया। मुख्यमंत्री का चेहरा बदलने की घोषणा के दौरान विज बैठक से उठकर चले गए थे, अंदर ऐसा क्या हुआ था इस पर तो मोहर नहीं लगाई जा सकती। लेकिन एक साक्षात्कार के दौरान अनिल विज ने खुद स्वीकार किया है कि मैंने खुद कहा था कि मैं नायब मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होना चाहता।

उन्होंने किसी भी प्रकार की नाराजगी होने की बात से भी इनकार किया है। हालांकि जनता इस बात को स्वीकार नहीं कर पा रही। अनिल विज ने कहा कि वह पार्टी का पहले से कहीं अधिक काम करेंगे। पार्टी का प्रचार करेंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की झोली में 400 से अधिक सीटें डालने के लिए दिन-रात एक करेंगे। उन्होंने कहा कि पहले भी परिस्थितियां कैसी भी रही मैं लगातार पार्टी के लिए काम करता रहा हूं और आगे भी करता रहूंगा।

हाईकमान का हर फैसला मेरे लिए मान्य : विज

राजनीति में कभी भी- कुछ भी संभव है, इसके लिए हर किसी को तैयार रहना चाहिए, यह बात अनिल विज ने कही। उन्होंने अपने को पार्टी का समर्पित वर्कर बताते हुए कहा कि मुझे पार्टी जो भी भूमिका देगी उस पर दिलो जान से काम करूंगा। उन्होंने कहा कि मैंने कभी भी मन में कोई इच्छा नहीं पाली।

अगर ऐसा होता तो हरियाणा विधानसभा का सबसे वरिष्ठ विधायक होने के नाते पहली बार हमारी सरकार बनने पर ही दावा कर सकता था, लेकिन मैंने कभी किसी नेता के सामने जाकर कोई इच्छा जाहिर नहीं की। क्योंकि मेरा मानना है डिजर्व डोंट डिजायर। इसलिए मैंने कभी किसी मंच पर- मीटिंग में या किसी नेता के सामने मुझे कुछ बनाने की इच्छा नहीं की। उन्होंने कहा कि हाईकमान का हर फैसला मेरे लिए मान्य है, मुझे केवल यही अफसोस है कि मुख्यमंत्री बदले जाने की बात तक का मुझे पता नहीं था।

जमकर लड़ाई लड़ भाजपा को जीवित रखा

2014 में अपने दम पर भाजपा सरकार बनाने में सफल रही थी, इसका पूरा श्रेय अनिल विज ने अपने आप को दिया है। उन्होंने कहा कि उससे पूर्व के 5 साल कांग्रेस के शासनकाल के दौरान उन्होंने जमकर लड़ाई लड़ भाजपा को जीवित रखा और 2014 विधानसभा चुनाव से पहले मैंने ही यह दबाव डाला था कि हमें अकेले चुनाव लड़ना चाहिए।

किसी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की जरूरत नहीं है। मैं उस वक्त केवल अकेला था जिसने इस मामले में आवाज उठाई जो कि हाई कमान ने मानी भी, विज ने कहा कि हम अकेले लड़े, इसलिए हमारी सरकार बनी थी। अगर मिलकर लड़ते तो किसी भी हालत में हमारी सरकार नहीं बन सकती थी। बता दे कि एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान केंद्रीय नेताओं को अनिल विज ने हजका को अलग करके अकेले चुनाव लड़ने की नसीहत दी थी, मंथन के बाद इस बात को पार्टी ने स्वीकार किया था, जिसका पूरा लाभ भाजपा को मिला और हरियाणा में भाजपा की सरकार बन गई। इसके साथ-साथ अनिल विज ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्ण रूप से इस उपलब्धि के हकदार हैं, उनका नाम अग्रिम पंक्ति में रहने के कारण पार्टी को सर्वश्रेष्ठ लाभ मिलता है।