मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, एसपी-डीएम के कार्यालयों को किया आग के हवाले

मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, एसपी-डीएम के कार्यालयों को किया आग के हवाले

मणिपुर में हिंसा का दौर समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है। जैसे ही लगता है कि माहौल अब शांत है, वैसे ही मणिपुर के किसी न किसी हिस्से में हिंसा भड़क उठती है।

अब हिंसा का नया मामला चुराचांदपुर इलाके से सामने आया है। चुराचांदपुर कुकी बाहुल्य इलाका है। दरअसल, ये हिंसा तब भड़की जब गुरुवार को कुकी समुदाय के एक पुलिस कांस्टेबल का निलंबन रिपोर्ट सामने आया।

पुलिस कांस्टेबल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वो हथियारबंद लोगों और ग्राम स्वयंसेवकों के साथ दिख रहा था।

इसके बाद चुराचांदपुर के पुलिस अधीक्षक शिवानंद सुर्वे ने गंभीर अनुशासनहिनता का हवाला देते हुए कांस्टेबल को निलंबित कर दिया।

जब यह खबर कुकी समुदाय के बीच पहुंची तो सैंकड़ो की संख्या में उग्र भीड़ ने पुलिस अधीक्षक और जिला कलेक्टर के कार्यालयों पर धावा बोल दिया।

कार्यालयों और वहाँ खड़े वाहनों को भीड़ ने आग के हवाले कर दिया। साथ ही जमकर तोड़ फोड़ की। उग्र भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस को गोली चलानी पड़ी।

पुलिस के इस कारवाई में 2 लोगों की मौत हो गई, वहीं 42 लोग घायल हो गए। हालांकि, अभी तक मौत के आंकड़ों की पुष्टि स्थानीय प्रशासन ने नहीं की है।

इलाकें में बढ़ते तनाव के कारण अगले एक हफ्ते के लिए इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया है। साथ ही सुरक्षाबलों को भी सतर्क रहने को कहा गया है।

चुराचांदपुर में इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाने संबंधी आदेश पर संयुक्त सचिव गृह मायेंगबाम वीटो सिंह ने कहा कि असामाजिक तत्व सोशल मीडिया का उपयोग जनता की भावनाएं भड़काने के लिए कर सकते हैं और कानून-व्यवस्था की स्थिति को प्रभावित कर सकते हैं।

जीवन की हानि, सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान और सार्वजनिक शांति और सांप्रदायिक सद्भाव में व्यापक गड़बड़ी के आसन्न खतरे को देखते हुए इंटरनेट सेवाओं पर अस्थायी प्रतिबंध लागू किया गया है।

बता दें, पिछले साल मणिपुर में कुकी और मैतई समुदाय के बीच बड़े स्तर पर हिंसा देखने को मिली थी। इस हिंसा में सैंकड़ो लोगों की मौत हुई थी।

वहीं, राज्यभर में कई लोग पलायन को मजबूर हुए थे। हालांकि, पिछले कुछ महीनों से मणिपुर में स्थिति सामान्य बनी हुई है। लेकिन इसके बाबजूद भी समय-समय पर थोड़ी बहुत हिंसा देखने को मिल ही जाती है।